Shatrughan Sinha: शत्रुघ्न सिन्हा वैसे तो एक दमदार एक्टर हैं, लेकिन वो अपनी एक्टिंग से ज्यादा अपने डायलॉग्स और स्वैग के लिए जाने जाते हैं। “जली को आग कहते हैं” और “छेनू आया” से लेकर उनके कई डायलॉग्स तो आज भी काफी मशहूर हैं। इसके साथ ही शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) का “खामोश” बोलने का अंदाज तो आज भी खूब कॉपी किया जाता है। लेकिन काफी कम लोग जानते होंगे की अपने फिल्मी करियर में उन्हें नाम हासिल करने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े। करियर के शुरूआत में शत्रुघ्न को सिर्फ छोटे मोटे रोल ही मिलते थे।
लेकिन 1976 में इनका करियर एक फिल्म के कारण बुलंदियों पर पहुंच गया था। इस फिल्म में पहली बार लीड एक्टर के रोल में कास्ट किए गए शत्रुघ्न (Shatrughan Sinha) इस तरह हिट हुए की उनका नाम इंडस्ट्री के बड़े लीड़ एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो गया था। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म में लीड रोल के लिए मेकर्स की पहली पसंद शत्रुघ्न नहीं थे।
इस फिल्म ने बदली Shatrughan Sinha की किस्मत
जिस फिल्म की हम बात कर रहे हैं वो फिल्म 7 फरवरी 1976 को रिलीज हुई ‘कालीचरण’ है। इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) और रीना राय की जोड़ी काफी हिट साबित हुई थी और लोगों को इन दोनों की केमिस्ट्री काफी पसंद आई थी। कहते हैं उस दौर में ये फिल्म इतनी मशहूर हुई कि इस फिल्म के डायलॉग्स तक लोगों ने रट लिए थे। फिल्म में विलेन के रोल में कास्ट किए गए अजीत खान का डायलॉग “सारा शहर मुझे लायन के नाम से जानता है” उस दौर में खूब पॉपुलर हुआ था। इस फिल्म के सिर्फ डायलॉग्स ही नहीं बल्कि गानों ने भी खूब धूम मचाई थी।
इसके साथ ही पहली बार लीड एक्टर के रोल में कास्ट किए गए शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अपनी एक्टिंग के जरिए लोगों को अपना दीवाना बना लिया था। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इस फिल्म को कई बड़े सितारों ने ठुकरा दिया था जिसके बाद किस्मत से इस फिल्म में काम करने का मौका सत्रुघ्न (Shatrughan Sinha) को मिला।
कई बड़े सितारों ने रिजेक्ट की थी फिल्म
बताया जाता है कि एनएन सिप्पी इस फिल्म में उस समय के सबसे मशहूर स्टार राजेश खन्ना को कास्ट करना चाहते थे। लेकिन राजेश खन्ना को फिल्म की स्टोरी पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे रिजेक्ट कर दिया। जिसके बाद एनएन सिप्पी ने फिरोज खान और सुनील दत्त जैसे बड़े कलाकारों को भी इस फिल्म के लिए अप्रोच किया लेकिन इन दोनों ने भी इस फिल्म को रिजेक्ट कर दिया। हर तरफ से रिजेक्शन मिलने के बाद सुभाष घई के सुझाव पर इस फिल्म में शत्रुघ्न सिन्हा को शामिल किया गया और उन्हें इस फिल्म में पहली बार लीड एक्टर का रोल मिला।
बताया जाता है कि जब सुभाष घई फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) के पास पहुंचे थे तब कहानी सुनते सुनते शत्रुघ्न को नींद आ गई थी। हालांकि किसी तरह सुभाष ने इस फिल्म के लिए शत्रुघ्न को राजी कर लिया और उन्होंने इस फिल्म के लिए हामी भी भर दी।
इस कारण सो गए थे Shatrughan Sinha
उस दौर में शत्रुघ्न (Shatrughan Sinha) ने भले ही लीड़ रोल नहीं किया था लेकिन अपनी आवाज और अलग अंदाज के दम पर करियर तो उनका बुलंदियों पर ही था। फिल्मों में भले ही उनको साइड रोल मिलते रहे हों लेकिन शत्रुघ्न (Shatrughan Sinha) के पास इनता काम था कि उन्हें एक दिन में तीन तीन शिफ्टों में काम करना पड़ता था। ऐसे में जब सुभाष घई उनको ‘कालीचरण’ फिल्म की कहानी सुनाने लगे तो रात के दो बज चुके थे। और दिन भर से थके हुए शत्रुघ्न सिन्हा नींद पर कंट्रोल नहीं रख पाए और वहीं सो गए। हालांकि बाद में सुभाष घई ने इस फिल्म में काम करने के लिए शत्रुघ्न सिन्हा को मुंहमांगी फीस भी दी थी।