This Actor Fled To Bangladesh When His Film Did Not Do Well In India

Chunky Panday : बॉलीवुड एक्टर चंकी पांडे (Chunky Panday) आज भी एक्टिंग की दुनिया में एक्टिव हैं। चंकी पांडे का असली नाम सुयश शरद पांडे है, लेकिन फिल्मी दुनिया में लोग उन्हें चंकी के नाम से पहचानते हैं। उन्होंने साल 1987 में बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म का नाम ‘आग ही आग’ था। फिल्म के प्रोड्यूसर पहलाज निहलानी थे। इसके बाद वह ‘खतरों के खिलाड़ी’, ‘जहरीले’, ‘आंखें’ और तेजाब जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आए। तेजाब में उनकी (Chunky Panday) एक्टिंग के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला था। लेकिन क्या आपको पता हैं चंकी का बांग्लादेश से भी गहरा नाता रहा हैं।

Chunky Panday ने बांग्लादेश में बसाया आशियाना

Chunky Panday

हालांकि 90 के दशक में उनके करियर का ग्राफ धीरे-धीरे नीचे जाने लगा। इस मुश्किल दौर से उबरने के लिए उन्होंने (Chunky Panday) बांग्लादेशी फिल्मों में काम करना शुरू किया, जहां उनकी किस्मत चमक गई। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब चंकी के पास काम नहीं था। वह अपने करियर में संघर्ष कर रहे थे। चंकी घर पर बैठे थे और उनके पास कोई काम नहीं था। चंकी पांडे (Chunky Panday) ने बताया कि एक वक्त ऐसा भी आया जब वो काम की तलाश में बांग्लादेश चले गए थे।

बांग्लादेशी फिल्मों में काम कर मशहूर हुए चंकी

Chunky Panday

चंकी पांडे (Chunky Panday) एक्टर बनने से पहले दो रॉक बैंड का भी हिस्सा रह चुके हैं। सबसे पहले एक्टर क्रॉस विंड्स नाम के रॉक बैंड में शामिल हुए. उसके बाद वो दिल्ली के रॉक बैंड इलेक्ट्रिक प्लांट का हिस्सा बन गए। आपको बता दें कि एक्टर-सिंगर ने इस बैंड के साथ डायर स्ट्रेट्स के सुल्तान्स ऑफ स्विंग गाने का कवर वर्जन गाया था। एक बांग्लादेशी फिल्म है जिसमें एक्टर ने लीड रोल निभाया था और वो फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी। जिसके बाद वो बांग्लादेश के ‘शाहरुख खान’ के नाम से मशहूर हो गए। इसके बाद एक्टर के पास कई बांग्लादेशी फिल्मों की लाइन लग गई।

90 के दशक में मुश्किल दौर से गुजरे चंकी

Chunky Panday

एक इंटरव्यू में चंकी पांडे (Chunky Panday) ने खुलासा किया कि वो अपनी बेटी को कभी फिल्म सेट पर नहीं बुलाते थे क्योंकि वो उस वक्त मुश्किल वक्त से गुजर रहे थे। चंकी ने कहा- जब तुम्हारी मां और मेरी शादी हुई थी तो मैं बुरे दौर से गुजर रहा था और इसीलिए तुम सेट पर नहीं आती थी। मैं बांग्लादेश से आया था और काम की तलाश कर रहा था। मुझे कभी सेट पर तुम्हें या मां को बुलाने की आदत नहीं पड़ी और बस ये ऐसे ही रहा। 90 के दशक में मेकर्स ने चंकी पांडे (Chunky Panday) को लीड रोल के लिए अप्रोच करना बंद कर दिया था।

बांग्लादेश में जाकर प्रोपट्री का किया काम

Chunky Panday

चंकी (Chunky Panday) ने कहा, ‘मैंने काम करना बंद नहीं किया, मैंने वहां एक इवेंट कंपनी खोली और इवेंट करने लगा। मैंने जमीन का सौदा करना, प्रॉपर्टी खरीदना शुरू किया। कल्पना कीजिए कि घर-घर जाकर कुछ करने की कोशिश की जाए। मैंने अपने अहंकार को अंदर रखा और कहा कि मुझे जीवित रहना है। इसलिए, मैंने इस प्रक्रिया के दौरान बहुत कुछ सीखा। मैं पूरी तरह से टूट गया हूं।’ चंकी ने आगे कहा, ‘मैं अपने माता-पिता से पैसे नहीं लेना चाहता था। अगर आप अपनी पत्नी को भी कभी नहीं बताया कि मेरे पास कितना है या नहीं है।’ हालांकि आज चंकी (Chunky Panday) फिल्मों में एक्टिव है और खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं।

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