माधुरी दीक्षित आज भी अपनी खूबसूरती से सबको घायल करती रहती है। माधुरी सोशल मीडिया में काफी एक्टिव रहती है। हाल ही में माधुरी ने अपनी एक फिल्म के 31 साल पूरे होने पर फोटो शेयर करते हुए उस समय का एक किस्सा सबको बताया है। आइए जानते हैं कौन सी थी वो फिल्म और उससे जुड़ा वो किस्सा……
माधुरी की फिल्म परिंदा
माधुरी की फिल्म परिंदा को रीलीज हुए 31 साल पूरे हो चुके हैं, जिसको सेलिब्रेट करते हुए माधुरी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक किस्सा बताया। इस फिल्म में माधुरी दीक्षित, अनिल कपूर, जैकी श्रॉफ, नाना पाटेकर थे। माधुरी ने फिल्म से जुड़ी कुछ यादें शेयर की हैं।
शेयर की पुरानी यादें
#31YearsOfParinda
Playing ‘Paro’ in #Parinda was a thrilling experience. The tagline of the film rightly justifies it “The Most Powerful Film Ever Made”. I also did a death scene for the first time. Wonderful memories with the amazing cast & crew makes this one very special ♥️ pic.twitter.com/BMKeGkK4Ve— Madhuri Dixit Nene (@MadhuriDixit) November 3, 2020
उन्होंने ट्विटर पर फिल्म की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘परिंदा’ को 31 साल पूरे हो गए। ‘परिंदा’ में पारो बनना बेहतरीन एक्सपीरिएंस था। फिल्म की टैगलाइन “The Most Powerful Film Ever Made”इसे पूरी तरह जस्टिफाई करती है। इस फिल्म में पहली बार मैंने डेथ सीन दिया था। फिल्म की कास्ट और क्रू के साथ बहुत अच्छी यादें हैं।
फिल्म के बारे में कुछ बातें
फिल्म हॉलीवुड मूवी ऑन द वॉटरफ्रंट से इंस्पायर होकर बनाई गई थी। पहले इसका नाम कबूतरखाना रखा गया था। ‘परिंदा’ की शूटिंग तीन साल में पूरी हुई थी क्योंकि लीड एक्टर्स की डेट्स नहीं मिल पा रही थीं जबकि फिल्म की शूटिंग में केवल 66 दिन का ही समय लगना था। आपको बता दें कि नसीरुद्दीन शाह ने फिल्म में अनिल कपूर के भाई का रोल करने से मना कर दिया था।
फिल्म के राइटर इम्तियाज हुसैन के मुताबिक, उन्होंने नसीर साहब को यह स्टोरी सुनाई थी लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया था कि अगर छोटे भाई (अनिल) का मर्डर हो जाएगा तो थिएटर में आगे की फिल्म देखने के लिए कोई नहीं रुकेगा। एक इंटरव्यू में फिल्म के डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा ने खुलासा किया था कि उनके पास फिल्म को बनाने के लिए केवल 12 लाख रु. का बजट था।
फिल्म के बजट के लिहाज से यह रकम बेहद कम थी लेकिन इससे ये फायदा हुआ कि फिल्म को और ज्यादा ऑथेंटिक फील मिल गया। लोकेशन, चिल्लाती हुई भीड़ सबकुछ रियल था और हमारी वीकनेस ही हमारी स्ट्रेंथ बन गई।