Madhuri Dixit: बॉलीवुड की धक-धक गर्ल यानी माधुरी दीक्षित की खूबसूरती का हर कोई दीवाना है। 90 के दशक में एक्ट्रेस ने अपनी एक्टिंग और खूबसूरती के दम पर हर किसी के दिल में जगह बना ली थी। उनकी एक झलक पाने के लिए फैंस बेकरार रहते थे। माधुरी का जन्म 15 मई 1967 को मुंबई में हुआ था। 57 साल की उम्र में भी माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) की दिलकश अदाओं के सामने आज भी हर अदाकारा फीकी नजर आती है। आज हम इस आर्टिकल में आपको बताते जा रहे हैं कि कैसे जब पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध हुआ था तो उसमें आतंकवादियों ने माधुरी दीक्षित की डिमांड की थी।
कारगिल युद्ध से जुड़ा है Madhuri Dixit का नाम
माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) के हुस्न के चर्चे केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। यहां तक कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी उनके चाहने वालों की कमी नहीं है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि माधुरी दीक्षित का नाम कारगिल युद्ध से भी जुड़ा है। इस युद्ध के दौरान बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसकी आज भी चर्चा होती है। बता दें कि कारगिल युद्ध 1999 में मई के पहले सप्ताह में शुरू हुआ था। ये 26 जुलाई तक चला।
पाकिस्तान ने की थी Madhuri Dixit की मांग
कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों का जज्बा, उत्साह और जोश बुलंद था। वह पाकिस्तानी बंकरों के पास जा पहुंचे और दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने खड़े थे। तभी पाकिस्तानी सैनिकों के बीच से एक आवाज आई। हमें माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) दे दो, हम चले जाएंगे। बस फिर क्या था भारतीय सैनिकों ने अपने जोशीले अंदाज में ही पाक सेना को इसका जवाब दिया।
कैप्टन विक्रम बत्रा ने पाक सैनिकों को दिया था जवाब
उस समय भारतीय सेना में बटालियन के कैप्टन विक्रम बत्रा ने माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) देने का जवाब अपनी एके-47 से फायरिंग करते हुए दिया। उन्होंने कहा, “विद लव फ्रॉम माधुरी।” उन दिनों ये घटना काफी चर्चा में रही थी। कैप्टन विक्रम बत्रा भारतीय सेना के एक ऐसे जवान थे जिनकी तारीफ पाकिस्तान भी करने पर मजबूर हो जाता था। पाकिस्तानी सेना उन्हें शेरशाह कहा करती थी।
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