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Vinod Khanna: बॉलीवुड एक्टर फिल्म इंडस्ट्री का एक बड़ा चेहरा थे। 70 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपनी एक्टिंग से लाखों लोगों को अपना दीवाना बनाया। उनकी लुक तो चार्मिंग तो था ही, लेकिन उनकी एक्टिंग को देख लोग सीटियां बजाने पर मजबूर हो जाते थे। लेकिन अपने करियर के पीक पर विनोद खन्ना (Vinod Khanna) फिल्में छोड़ ओशो के आश्रम चले गए थे। चलिए आपको बताते हैं उनकी लाइफ से जुड़े कुछ अनसुने किस्से…

करियर के पीक पर Vinod Khanna ने छोड़ दी थी एक्टिंग

जब विनोद खन्ना के पिता ही मारना चाहते थे उन्हें गोली, सिर पर बंदूक तानते हुए दे डाली थी ये धमकी...

बात तब की है जब विनोद खन्ना (Vinod Khanna) इंडस्ट्री के एक सफल एक्टर हुआ करते थे। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों में काम किया। उसी बीच एक्टर की मां का निधन हो गया जिससे वो बहुत डिस्टर्ब हो गए। इस दौरान उनकी मुलाकात आचार्य रजनीश (ओशो) से हुई। वो उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अचानक से फिल्मी करियर से संन्यास ले लिया। उस वक्त विनोद खन्ना शादीशुदा थे। उनके दो बेटे अक्षय व राहुल थे। संन्यास के फैसले के बाद उन्होंने पत्नी गीतांजली से तलाक ले लिया और अमेरिका जाकर ओशो के आश्रम में रहने लगे।

ओशो के आश्रम में जाकर बन गए थे माली

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विनोद खन्ना (Vinod Khanna) एक्टिंग छोड़कर संन्यासी हो गए थे। सन् 1982 में विनोद खन्ना ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया और ओशो के आश्रम में रहने लगे। यहां वे आश्रम के बगीचे के माली बन गए। ओशो के आश्रम में वह सारा काम करते थे जिसमें खाना बनाने से लेकर टॉयलेट साफ करना भी शामिल था। ओशो ने उन्हें स्वामी विनोद भारती नाम दिया था। लेकिन आश्रम में 5 साल बिताने के बाद वो वापस आ गए और उन्होंने दोबारा से कुछ फिल्में साइन कर ली थीं, लेकिन उन्हें वो स्टारडम नहीं मिला।

जब पिता ने तान दी थी Vinod Khanna पर बंदूक

जब विनोद खन्ना के पिता ही मारना चाहते थे उन्हें गोली, सिर पर बंदूक तानते हुए दे डाली थी ये धमकी...

विनोद खन्ना (Vinod Khanna) एक्टर बनना चाहते थे लेकिन उनके पिता चाहते थे कि वो बिजनेसमैन बनें। जब उन्होंने ये बात अपने पिता को बताई तो वह भड़क गए और उन्हें गोली से मारने की धमकी दे डाली। ये बात तब की है जब विनोद खन्ना ने अपने पिता को अपने एक्टर बनने के सपने के बारे में बताया। विनोद खन्ना की ये बात सुनकर उनके पिता इतने भड़क गए थे और उन पर बंदूक तानते हुए बोले, अगर तुम फिल्मों में गए तो तुम्हें गोली मार दूंगा। बाद में विनोद खन्ना की मां के समझाने के बाद उन्हें दो साल तक फिल्मों में काम करने की इजाजत दी।

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पहली फिल्म में निभाया विलेन का रोल

जब विनोद खन्ना के पिता ही मारना चाहते थे उन्हें गोली, सिर पर बंदूक तानते हुए दे डाली थी ये धमकी...

एक दिन अचानक विनोद खन्ना (Vinod Khanna) की मुलाकात एक पार्टी में निर्माता और निर्देशक सुनील दत्त से हुई। सुनील उन दिनों फिल्म मन का गीत के लिए एक नए चेहरे की तलाश कर रहे थे। सुनील दत्त ने उन्हें विलेन का रोल ऑफर किया जिसे विनोद खन्ना ने स्वीकार कर लिया। उनकी पहली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी। जिसके बाद उन्हें फिल्मों में विलेन के ऑफर मिलने लगे। इसके बाद उन्हें गुलजार ने फिल्म में हीरो का रोल ऑफर किया तौ उनका करियर हीरो के रूप में चल पड़ा। विनोद खन्ना एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में देने लगे।

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