‘मेरे कोच बनने से नाखुश थे’ पूर्व कोच ने किया सनसनीखेज़ खुलासा, धोनी और तेंदुलकर के खिलाफ दिया विवादित बयान
‘मेरे कोच बनने से नाखुश थे’ पूर्व कोच ने किया सनसनीखेज़ खुलासा, धोनी और तेंदुलकर के खिलाफ दिया विवादित बयान

भारतीय क्रिकेट टीम ने 2011 में 28 साल के लंबे इंतजार के बाद वनडे वर्ल्ड कप (ODI World Cup) जीता था। तब टीम इंडिया ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में घर में ही वर्ल्ड कप जीता था। उस समय दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) टीम इंडिया के कोच थे।

गैरी की कोचिंग में भारत वर्ल्ड चैंपियन बनी थी। कर्स्टन के कोच रहते भारत वनडे और टेस्ट दोनों में विश्व की नंबर-1 टीम बनी थी। अब गैरी कर्स्टन ने महेंद्र सिंह धोनी तथा सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को लेकर कुछ चौंकाने वाला खुलासा कर दिया है।

मेरे कोच बनने पर सचिन नाखुश थे

‘मेरे कोच बनने से नाखुश थे’ पूर्व कोच ने किया सनसनीखेज़ खुलासा, धोनी और तेंदुलकर के खिलाफ दिया विवादित बयान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) ने एडम कॉलिंस के साथ यूट्यूब शो ‘द फाइनल वर्ड क्रिकेट पॉडकास्ट’ में इंटरव्यू हुए इंडियन टीम के कोच रहने के दौरान अपने अनुभव को साझा किया। इस दौरान गैरी ने कहा कि जब 2007 के वनडे विश्व कप (ODI World Cup) के बाद उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया था। साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज और भारत के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) ने कहा कि

जब उन्होंने टीम को जॉइन किया, तो ड्रेसिंग रूम का माहौल कुछ ज्यादा अच्छा नहीं था। सचिन तेंदुलकर भी अपने क्रिकेट का आनंद नहीं ले रहे थे।

धोनी ने भारतीय कप्तान के रूप में अपनी शुरुआत ही की थी। कर्स्टन ने इस इंटरव्यू के दौरान धोनी के बारे में बहुत खुलकर बात की। गैरी बताया कि भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार्स के बीच एम एस धोनी उनके लिए सबसे युनीक क्यों थे?

गैरी ने कही ये बातें

‘मेरे कोच बनने से नाखुश थे’ पूर्व कोच ने किया सनसनीखेज़ खुलासा, धोनी और तेंदुलकर के खिलाफ दिया विवादित बयान

इस बातचीत के दौरान गैरी कर्स्टन (Gary Kirsten) ने कहा, “मेरे लिए उस सबसे बड़ी चुनौती यह भी थी कि इंडिया जैसी टैलेंटेट टीम को वर्ल्ड चैंपियन (World Champion) बनाने के लिए किस तरह के नेृतत्व की आवश्यकता है। उन हालात में ड्रेसिंग रूम में आए हर कोच के लिए ये सबसे बड़ी मुश्किल होती है। मेरे लिए यह और आवश्यक था कि मैं प्रत्येक खिलाड़ी को व्यक्तिगत रूप से भी जान सकूँ और यह भी समझूं कि वह क्या सोचते हैं और किस तरह से वह पहले की तरह पूरा आनंद लेते हुए क्रिकेट भी खेल सकते हैं।” गैरी ने कहा,

“तब भारत में सुपरस्टार कल्चर भी हावी था। लेकिन, कई बार खिलाड़ी भूल जाते हैं कि उनका कार्य टीम के लिए प्रदर्शन करना है न कि किसी पर्सनल उपलब्धि हासिल करना। और यही वह बात थी जो महेंद्र सिंह (MS Dhoni) को सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) जैसे दिग्गज खिलाड़ियों से बिल्कुल भी अलग करती थी। महेंद्र एक लीडर के रूप में बहुत अलग थे।

उनका ध्यान इस बात पर था कि टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन करे और शानदार ट्रॉफी भी जीते। इसके लिए वह बहुत खुलकर बोलते थे। उनकी ये सोच अन्य खिलाड़ियों को भी जल्द समझ में आ गई थी और सबसे अच्छा यह हुआ कि सचिन ने भी अपने खेल का पहले जैसा आनंद लेना शुरू कर दिया।”

 

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