पिता करते थे 18 घंटे की नौकरी, बेटी 12 घंटे पढ़ाई कर बनी Ias

हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा ऊँचाईयों के शिखर तक पहुंचे। जिससे उनका नाम रोशन हो। वहीं हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि बिरला का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है। इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी लोग काफी खुश है। यही नहीं अपनी मेहनत से अंजलि ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की है। उनका कहना है कि दूसरी लिस्ट में उनका चयन हुआ और जो भी जिम्मेदारी मिलती है वो उसे निभाएंगी।

बड़ी बहन को दिया सफलता का श्रेय

पिता करते थे 18 घंटे की नौकरी, बेटी 12 घंटे पढ़ाई कर बनी Ias

अंजलि ने बताया कि उन्होंने रोज 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे। पिता ही उनके सबसे बड़े आदर्श हैं क्योंकि वो 12 घंटे पढ़ती थीं और उनके पापा 18-18 घंटे काम करते थे। उनके पिता ने उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया था। पहले ही प्रयास में सफलता का श्रेय अंजलि ने अपनी बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को दिया।

उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय मोटिवेट किया। वो हर समय मेरे साथ रहती थीं। सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरा योगदान दिया और लगातार उनका हौसला बढ़ाती रहीं। अंजलि ने आगे कहा,

“मम्मी ने भी मेरा बहुत ख्याल रखा वो भी मेरा हर समय मुझे हौसला देती थी”

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करना चाहती हैं अंजलि

पिता करते थे 18 घंटे की नौकरी, बेटी 12 घंटे पढ़ाई कर बनी Ias

दसवीं क्लास में अंजलि के अच्छे नंबर आए थे, लेकिन उन्होंने साइंस लेने के बजाए आर्ट्स ली थी। जिससे हर कोई हैरान हुआ था। कॉलेज के बाद से उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने को सोचा। अंजलि ने कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की। फिर उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की।

अंजलि किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर पर ज्यादा खुशी मिलेगी। उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी न सिर्फ युवाओं को बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित करे। अंजलि की मां अमिता बिरला भी काफी खुश हैं।

उनका कहना है, कि

“वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थी। उन्हें उम्मीद थी कि वो जरूर अपना नाम रोशन करेगी। वो हर काम के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। आज बेटी की मेहनत रंग लाई है।”