एक मुस्लिम महिला ने गुजरात राज्य के राजकोट शहर में सांप्रदायिक एकता की मिसाल कायम की है। इस शहर में हिन्दू दंपति के पास पुत्र-रत्न की कमी थी। उनकी इस कमी को दूर करने के लिए इस मुस्लिम महिला ने सरोगेसी से बच्चे को जन्म देकर बच्चा हिंदू दंपति को दे दिया। इस मुस्लिम महिला में एकता और धर्म को सम्मान देने की भावना इतनी प्रबल थी कि, वह एक व्यवसायिक सरोगेट मदर नहीं थी फिर भी उसने हिंदू परिवार को वारिस देने के लिए हिंदु धर्म के हर तौर तरीकों को अपनाया।
बच्चे के जन्म तक उसने शाकाहारी भोजन ही किया। सोशल मीडिया के उपयोग से महिला ने हिंदू संस्कृति को जानकर भ्रूण को संस्कार दिए। स्वस्थ बच्चे के जन्म के लिए उसने मन्नत भी मांगी। प्रार्थना की, हिन्दू शास्त्र का अध्ययन भी किया।
महिला ने भारतीय सेना सेवानिवृत्त गजेन्द्र सिंह को पुत्र दिया
इस महिला का नाम अफसाना है और वह राजकोट की रहने वाली है। इस महिला ने भारतीय सेना की 16वीं बिहार रेजीमेंट से सेवानिवृत्त हुए गजेन्द्र सिंह को पुत्र दिया है। इस बारे में शहर के एक प्राइवेट चिकित्सालय के डॉ. भावेश विठलाणी ने जानकारी दी।
डॉ. भावेश ने कहा कि, गजेन्द्र सिंह को एक बेटा और एक बेटी थे। बेटे की 19 साल की उम्र में कैन्सर के कारण मौत हो गई। बुढ़ापे के करीब बेटा खोने के बाद दंपति ने पुन: संतान प्राप्ति के लिए फिर प्रयत्न किए।
आईवीएफ ट्रीटमेंट का इस्तेमाल
गजेन्द्रसिंह और उनकी पत्नी ने कई डॉक्टरों से इलाज भी करवाया मगर उनकी समस्या का कोई भी हल नहीं हो रहा था। पिछले वर्ष जुलाई महीने में डॉ. भावेश से मिलने पर उन्होंने इस दंपति को सेरोगेट चाइल्ड की सलाह दी। अफसाना के मिलने पर माता-पिता की हां के बाद आईवीएफ ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया गया।
पहले प्रयास में मिली सफलता
आईवीएफ से टेस्ट ट्यूब में भ्रूण विकसित होने के बाद उसे अफसाना गर्भ में रखा गया। पहले ही प्रयास में कामयाबी मिली और अफसाना ने अगस्त महीने में बच्चे को जन्म दिया । कुछ दिनों तक बच्चे को अपने पास रखकर फिर उसे गजेन्द्र सिंह और उनकी पत्नी को सौंप दिया। सैनिक परिवार में फिर-से खुशियों का माहौल छा गया।
लोगो ने की तारीफ
वहीं, अफसाना के सरोगेट मां बनने के बारे में लोगों को पता चलने पर उसकी काफी ही तारीफ हुई। अफसाना ने इस तरह से मां बनकर सांप्रदायिक एकता की एक अनोखी मिसाल पेश की है।