संजय राउत

दिल्ली की सीमाओं पर पिछलो दो महीनों से किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में गणतंत्र दिवस के बाद से दिल्ली बॉर्डर पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का आना जाना बादस्तूर जारी है। इसी क्रम में मंगलवार को शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत किसानों से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे।

राकेश टिकैत की आखों में आंसू देखकर रहा नहीं गया

शिवसेना के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात कर अपना और अपनी पार्टी का समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि, “मुझे उद्धव  ठाकरे जी ने खास तौर पर भेजा है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री किसानों के समर्थन में हैं। 26 जनवरी के बाद हमने जो माहौल देखा और जिस तरह राकेश टिकैत जी के आंखों में आंसू देखे, उसके बाद हम कैसे रह सकते थे”।

संजय राउत ने आगे बात करते हुए कहा, “बॉर्डर पर हाल ही में जो कुछ भी हुआ है उससे पूरा देश नाराज है, और राकेश टिकैत जी जो तय करेंगे वही हमारी आगे की रणनीती होगी, हम किसानों के साथ हैं”।

और कौन-कौन से नेता पहुंचे गाजीपुर बॉर्डर

गाजीपुर बॉर्डर

आपको बता दें कि मंगलवार को शिवसेना के करीब 6 सांसद गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं, इनमें संजय राउत के अलावा अनिल देसाई, अरविंद सांवत आदि सांसद शामिल हैं।

बीते कुछ वक्त से गाजीपुर बॉर्डर पर नेताओं का आना जाना लगातार जारी है। फिर चाहे वो राष्ट्री लोक दल के जयंत चौधरी हो, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, कांग्रेस के अजय कुमार लल्लू, दीपेंद्र हुड्डा, आकाली दल के सुखवीर सिंह बादल जैसे शामिल हैं जो गाजीपुर बॉर्डर का दौरा कर चुके हैं और भारतीय किसान युनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत से मुलाकात कर चुके हैं।

संजय राउत ने कहा हम किसानों के साथ हैं।

संजय राउत पहुंचे गाजीपूर बॉर्डर, कहा- राकेश टिकैत की आखों में आंसू देख नहीं रह सका

 

मीडिया ने जब संजय राउत से पछा कि आखिर दो महीने से बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है तो आप इतने दिनों के बाद क्यों किसानें से मिलने बॉर्डर पर आए। इसका जवाब देते हुए संजय राउत ने कहा, अब आंदोलन को ताकत देने की जरूरत है। हम किसानों के साथ हैं, सरकार को किसानों साथ राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार और किसनों संगठनों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई भी नतीजी नहीं निकल सका है।

गौरतलब है कि संसद का सत्र भी शुरू हो गया है, मंगलवार को कृषि कानूनों के मसले पर राज्यसभा में हंगामा किया गया। इसी कारण राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित की गई। दरअसल, सदन में सभापति ने जानकारी दी कि राष्ट्ररति के अभिभाषण पर बुधवार को बहस होगी, लेकिन विपक्ष आज ही बहस करने पर अड़ा था।

"