मणिपुर में थौनाओजम बृंदा नाम की एक महिला पुलिस अफसर ने ड्रग्स केस में आरोपियों के क्लिन चिट होने के बाद अपना वीरता पुरस्कार लौटा दिया है.
मामला
मामला कुछ इस प्रकार है कि इस ड्रग्स केस में बीजेपी के पूर्व एडीसी चेयरमैन और अन्य 7 लोगों पर आरोप दर्ज किए गए थे. लेकिन लामफेल की एनडीपीएस कोर्ट ने अध्यक्ष लुखोशी जो और दुसरे 7 लोगों को ड्रग्स मामले में बरी कर दिया है . इनके पास से अधिक मात्रा में ड्रग्स जब्त किया गया था. यह मामला जून 2018 का है, उस समय बृंदा NAB में ASP के पद पर थीं.
बृंदा ने पश्चिमी इम्फाल में Lhukosei Zou के घर पर छापा मार कर करोड़ों रुपए की ड्रग्स बरामद की थी. 20 जून को उन्होंने Lhukosei Zou समेत 6 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था. मगर कोर्ट ने सभी को आरोप मुक्त कर दिया और ऐसे में बृंदा ने अपना मुख्यमंत्री वीरता पुरस्कार वापस कर दिया है.
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को लिखा पत्र
ड्रग्स मामले में जांच के सिलसिले में बृंदा को यह वीरता मेडल दिया गया था. अध्यक्ष लुखोशी जो ओर दुसरे 7 लोगों को ड्रग्स मामले में कोर्ट की तरफ से क्लीन चिट पाने के बाद अब बृंदा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को एक पत्र लिखकर मेडल लौटाने की वजह कोर्ट का हुक्म बताया है.
कोर्ट ने इस सारे मामले की सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को ड्रग्स केस में बरी कर दिया था. फिर भी कोर्ट को इस मामले की जांच को लेकर संतोष नहीं है.पुलिस अफसर बृंदा के मुताबिक कोर्ट इस मामले की जांच से संतुष्ट नहीं है इसलिए वह अपना मेडल लौटा रही हैं.
वीरता मेडल पाने वाली पहली अधिकारी
थौनाओजम बृंदा को 13 अगस्त साल 2018 में राज्य सरकार ने ड्रग्स के लिखाफ जंग में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए मुख्यमंत्री वीरता पदक से नवाजा था. बृंदा स्टेट नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बाॅर्डर ब्यूरो (NAB) की पहली अधिकारी थीं, वीरता मेडल से सम्मानित किया गया था.
मेडल वापस लौटाने की पेशकश
थौनाओजम बृंदा ने राज्य सरकार के लिए पूरे सम्मान के साथ और एनडीपीएस अदालत के फैसले को स्वीकारते हुए मेडल वापस लौटाने की पेशकश की है.