Uttarakhand: देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड (Uttarakhand) की छवि खराब करने वाले फर्जी बाबाओं के खिलाफ उत्तराखंड सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इसके तहत ऑपरेशन कालनेमि नाम से एक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत उन सभी लोगों की धरपकड़ की जाएगी जो नकली साधु बनकर या साधुओं का वेश धारण करके लोगों को ठग रहे हैं। फर्जी बाबाओं के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई करने वाला उत्तराखंड (Uttarakhand) संभवतः पहला राज्य है।
देहरादून से 25 फर्जी बाबा गिरफ्तार
इस अभियान पर कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड (Uttarakhand) की देहरादून पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस द्वारा चलाए गए विशेष चेकिंग अभियान के दौरान 25 ऐसे बाबाओं को हिरासत में लिया गया है। जो किसी भी तरह के संगठन से जुड़े दस्तावेज पेश नहीं कर सके। वहीं इन 25 लोगों में से एक बांग्लादेश का मूल निवासी भी पाया गया है।
इनमें सहसपुर से गिरफ्तार एक बांग्लादेशी नागरिक भी शामिल है। उसके खिलाफ सहसपुर में विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया। बाकी सभी को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
क्या है ऑपरेशन कालनेमि?
कुछ दिन पहले ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे लोगों की धरपकड़ के लिए ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया था। इसमें सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वह फर्जी बाबाओं पर कड़ी कार्रवाई करें। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देशन में ऑपरेशन कालनेमि शुरू किया गया है। यह अभियान उन लोगों के खिलाफ चलाया गया जो साधुओं का वेश धारण करके लोगों से ठगी करते थे।
रामायण से है कालनेमि का संबंध
गौरतलब है कि रामायण काल में कालनेमि नाम का एक राक्षस था। जिसने साधु का वेश धारण करके हनुमान जी को संजीवनी बूटी लाने जाते समय भ्रमित कर दिया था। यह ऑपरेशन यह सुनिश्चित करने में कारगर साबित हो रहा है कि कलयुग में भी ऐसे नकली बाबा लोगों को भ्रमित करके ठग ना सके। इसलिए उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने ये कदम उठाया है।
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