Witch Skeleton : भारत से दूर देश पोलैंड के वाशिंगटन में एक भयानक घटना का उजागर हुआ है। पुरातत्वविदों ने करीब 350 साल पहले की एक महिला का कंकाल (Witch Skeleton) बरामद किया है। जिसे ताले से बांधा गया था। इससे पुरातत्वविदों ने अंदाजा लगाया है कि उस समय भी महिलाओं को डायन (Witch Skeleton) मानने की कुप्रथा रही होगी।
कंकाल के गले में दरांती थी और पैरों में एक बड़ा सा ताला बंधा हुआ था। माना जा रहा है कि भूत-प्रेत के अंधविश्वास के चलते लड़की के साथ ऐसा किया गया होगा।
पोलैंड में मिला 350 साल पुराना महिला का कंकाल
कंकाल (Witch Skeleton) की हालत देखकर लगता है कि उसके साथ क्रूरता की गई होगी। साइंस अलर्ट जर्नल में प्रकाशित एक शोध में यह बात सामने आई है। न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के मेडिकल परीक्षक डॉ. हीथर एडगर ने ज़ोसिया की हड्डियों की जांच की और उसकी छाती की हड्डी में असामान्यता पाई। रॉयटर्स और सीबीएस न्यूज़ सहित कई आउटलेट्स के अनुसार स्थानीय लोगों ने जिस महिला का नाम ज़ोसिया रखा है।
इससे पता चलता है कि ज़ोसिया की शारीरिक संरचना में कुछ गड़बड़ थी। ऑस्कर निल्सन एक फेस रिकग्निशन विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने ज़ोसिया की खोपड़ी (Witch Skeleton) का डिजिटल स्कैन लिया और 3डी प्रिंटर का उपयोग करके उसकी एक प्रति बनाई।
वैज्ञानिकों ने बनाया महिला का चेहरा
वैज्ञानिकों ने एक महिला का चेहरा फिर से बनाया है। जिसे इस डर से कब्र (Witch Skeleton) में बंद कर दिया गया था कि वह पिशाच है। उसे अगस्त 2022 में पोलैंड के टोरुन में निकोलस कोपरनिकस विश्वविद्यालय के पुरातत्वविदों द्वारा पिएने में एक अचिह्नित कब्रिस्तान में खोजा गया था।
उस समय वह कब्र स्थल पर अपने गले में दरांती और पैर में ताला लगाए हुए पाई गई थी। जिससे विशेषज्ञों का मानना है कि उसके आस-पास के लोगों को डर था कि उसकी मृत्यु के समय वह पिशाच (Witch Skeleton) थी।
क्यों लगाया गया था महिला की कब्र पर ताला?
अब स्वीडिश पुरातत्वविद् ऑस्कर निल्सन ने निकोलस कोपरनिकस विश्वविद्यालय के पुरातत्वविदों के साथ मिलकर डीएनए, 3डी प्रिंटिंग और मॉडलिंग क्ले का उपयोग करके ज़ोसिया के चेहरे को फिर से बनाया है। रॉयटर्स के अनुसार यह दर्शाता है कि महिला (Witch Skeleton) 18 से 20 साल की उम्र में कैसी दिखती होगी।
रिपोर्ट के अनुसार ताला लगाने और दरांती का उपयोग करने की प्रथा तब इस्तेमाल की जाती थी जब खतरनाक लोगों पर दो अलग-अलग आत्माएँ हावी हो जाती थीं। पुरातत्वविद् के अनुसार, इसका मतलब था की एक अच्छी आत्मा को बंद ताले से रोका जा सकता था। जबकि एक बुरी आत्मा एक पिशाच (Witch Skeleton) को जन्म दे सकती थी।
गले में दरांती रखने का ये है कारण
मूल रूप से ऐसा माना जाता है कि ग्रामीणों ने अपने गांव में हुई अस्पष्ट बुरी घटनाओं के लिए मृत महिला (Witch Skeleton) को दोषी ठहराते हुए उसकी कब्र की जाँच की। जहाँ उन्होंने ताला खुला पाया और उसके जागने की स्थिति में उसकी गर्दन पर दरांती की धार रख दी।
निकोलस कोपरनिकस यूनिवर्सिटी टीम के प्रोफेसर डेरियस पोलिंस्की ने बताया कि उस समय लाशों (Witch Skeleton) को जला दिया जाता था। उनके सिर और पैर काट दिए जाते थे या पत्थरों से कुचल दिए जाते थे।
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