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Reunion In Sainik School : स्कूल की यादें हमेशा संजोकर रखना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। करियर के चलते हर कोई अपने मनपसंद की फील्ड चुनता है और फिर उन्हीं स्कूल के दोस्तों से दूर हो जाता है। लेकिन एक अनोखा वाकया सामने आया है जहां पर एक सैनिक स्कूल (Reunion In Sainik School) के चार दोस्त फिर से मिले तो वह एक इतिहास बन गया।

सैनिक स्कूल से पास हुए 4 दोस्त 40 साल बाद फिर मिले

Reunion In Sainik School

कझाकुट्टम स्थित सैनिक स्कूल (Reunion In Sainik School) से पास आउट होने के चार दशक बाद चार करीबी दोस्त फिर से मिले है। वे चारों अब भारतीय सशस्त्र बलों में महत्वपूर्ण पदों पर काबिज है। शनिवार को एक पूर्व छात्र सम्मेलन के लिए अपने विद्यालय लौटे थे।

1985 बैच के सहपाठी (Reunion In Sainik School) लेफ्टिनेंट जनरल विजय बी नायर, मेजर जनरल विनोद टी मैथ्यू, मेजर जनरल हरि बी पिल्लई और एयर वाइस मार्शल के वी सुरेंद्रन नायर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।

1985 में कझाकुट्टम सैनिक स्कूल से पास हुए थे ये दोस्त

Reunion In Sainik School

1985 बैच के सहपाठी (Reunion In Sainik School) लेफ्टिनेंट जनरल विजय बी नायर, मेजर जनरल विनोद टी मैथ्यू, मेजर जनरल हरि बी पिल्लई और एयर वाइस मार्शल के वी सुरेंद्रन नायर इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। एक अन्य पूर्व छात्र, एयर मार्शल बालकृष्णन मणिकांतन भी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। अपने दौरे के दौरान अधिकारियों ने स्कूल परिसर में 150 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन किया।

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भारतीय सेना में अहम पदों पर शामिल चारों दोस्त

चारों दोस्त जिनका रीयूनियन (Reunion In Sainik School) हुआ उनमें पलक्कड़ के मूल निवासी लेफ्टिनेंट जनरल विजय नायर अब उधमपुर स्थित भारतीय सेना की उत्तरी कमान का नेतृत्व कर रहे है। वहीं थोडुपुझा के मेजर जनरल विनोद मैथ्यू कर्नाटक-केरल उप-क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग है।

कुंडारा निवासी मेजर जनरल हरि पिल्लई वर्तमान में बेंगलुरु क्षेत्रीय भर्ती क्षेत्र के अतिरिक्त महानिदेशक के रूप में कार्यरत है। त्रिशूर के एयर वाइस मार्शल सुरेंद्रन नायर देश के शीर्ष लड़ाकू पायलटों में से एक हैं। उन्होंने मिग-21, मिग-29 और सुखोई-30 उड़ाए है।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...