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Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) इस साल मॉनसून सीजन में चार साल के सबसे भयावह दौर से गुजर रहा है। 1 जून से 5 अगस्त 2025 के बीच यहां कुल 66 मॉनसून दिवस दर्ज हुए, जिनमें से 43 दिन (लगभग 65%) बेहद खराब मौसम के रहे। यह आंकड़ा 2022 में दर्ज 33% की तुलना में दोगुना है। लगातार हो रही भारी बारिश, बादल फटना, भूस्खलन और बाढ़ जैसी घटनाओं ने राज्य के कई इलाकों में तबाही मचा दी है।

48 लोगों की हुई मौत

Uttrakhand
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आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक राज्य (Uttarakhand) में 48 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से ज्यादा लोग लापता हैं। मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के मुताबिक, यह बढ़ते चरम मौसमी पैटर्न का नतीजा है, जिसमें जलवायु परिवर्तन भी एक अहम भूमिका निभा रहा है।

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उत्तरकाशी में सबसे बड़ा हादसा

आपको बता दें, 5 अगस्त को उत्तरकाशी (Uttarakhand) के हरसिल घाटी के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से कहीर गंगा नदी अचानक उफान पर आ गई। तेज बहाव के साथ आई बाढ़ और मलबे ने धाराली गाँव को तबाह कर दिया। इस आपदा में अब तक कम से कम 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि करीब 100 लोग लापता हैं। SDRF, NDRF, सेना और स्थानीय प्रशासन के बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन-रात ऑपरेशन चला रहे हैं।

सैकड़ों लोग हुए बेघर

ग्रामीणों का कहना है कि राहत और बचाव कार्य में देरी से हालात और बिगड़ गए। कई घर, दुकानें और होटल बह गए, जबकि सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। कई जगह सड़कों के कट जाने से प्रभावित इलाकों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

आपको बता दें, मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राज्य (Uttarakhand) के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह की आपदाएं जलवायु परिवर्तन, असंतुलित निर्माण कार्य और प्राकृतिक जलमार्गों में बाधा डालने जैसी वजहों से बढ़ रही हैं। अगर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में इसका असर और भी गंभीर हो सकता है।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...