Kishore Pradhaan : ऐसी दुनिया में जहां उम्र केवल करियर विकल्प निर्धारित किया जाता है. एक आदमी की कहानी इस रूढ़िवादिता को चुनौती देती है. यह साबित करती है कि आप वास्तव में जो चाहते हैं उसे देर से आगे बढ़ाना कभी नहीं होता है. कई लोगों का मानना है कि आयु सीमा के बाद शुरू होने वाली शिक्षा में वापसी लगभग अप्रभावी है.
हालाँकि इसके विपरीत कुछ प्रेरक करने वाली (Kishore Pradhaan) धारणाएँ उभरकर सामने आ रही हैं. ऐसे ही एक व्यक्ति हैं जो भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रहे हैं जिन्होंने वो कर दिखाया है जो बहुत से युवाओं का सपना रहता हैं.
SBI के रिटायर्ड कर्मचारी ने पास किया नीट
जी हाँ हम बात कर रहे हैं ऐसे व्यक्ति कि जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद नीट परीक्षा को पास किया हैं. यह सुनकर हर कोई चौंक जाएगा लेकिन यह सच हैं. उड़ीसा के रहने वाले जय किशोर प्रधान (Kishore Pradhaan) ने 2020 में 64 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट यूजी) को पास किया था.
64 साल के किशोर प्रधान ने कई लोगों को प्रेरणा देने के लिए वो कर दिखाया जो हर किसी के लिए सम्भव नहीं हैं. रिटायरमेंट के बाद जहां लोग शेष बचे समय में आराम करना चाहते हैं, वहां किशोर प्रधान अपने सपने को पूरा करने में शामिल हो गए.
उड़ीसा के जय किशोर प्रधान ने पूरा किया सपना
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जय किशोर ने 64 साल की उम्र में नीट परीक्षा पास करके उदाहरण पेश किया है. किशोर प्रधान उन लोगों के लिए उदाहरण हैं, जो उम्र और वक्त पर अपने सपने को छोड़ देते हैं. किशोर (Kishore Pradhaan) ने पहली बार नीट यूजी परीक्षा 1974 में दी थी. लेकिन उस समय परीक्षा पास नहीं कर पाए थे. परिवार की ओर से नौकरी का दबाव बनाया जा रहा था, जिसके बाद किशोर प्रधान ने फ़िज़िक्स के साथ ग्रेजुएशन किया. वर्ष 1983 में उनकी नौकरी एसबीआई में लगी. लेकिन अंदर ही अंदर एमबीबीएस नहीं करने का मलाल था.
64 साल कि उम्र में पास किया नीट
किशोर प्रधान (Kishore Pradhaan) के मन में कईं बार आया कि नौकरी छोड़ दूं लेकिन परिवार वालों ने उन्हें ऐसा नहीं करने दिया. मन में हमेशा से डॉक्टर बनने का सपना था. यही कारण था कि रिटायर होने के बाद किशोर प्रधान ने अपने सपने को पूरा करने का निर्णय लिया. इतना ही नहीं उनकी जुड़वाँ बेटियाँ भी NEET परीक्षा की तैयारी कर रही हैं.
बेटी ने पिता को बैठाकर परीक्षा के लिए प्रेरित किया. लेकिन अभी भी उनके आगे एक मुश्किल उम्र की सीमा थी. हालाँकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इसे भी ख़त्म कर दिया है. जय किशोर (Kishore Pradhaan) ने कहा कि नीट की तैयारी करना कोई आसान काम नहीं है. पाठ्यक्रम को समझने के लिए भी बहुत कुछ करना और तैयारी करना आवश्यक है.
1974 में पास नहीं कर पाने का था मलाल
यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2019 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा से आयु सीमा की कनेक्टिविटी को समाप्त करने का आदेश दिया था. इससे पहले केवल 25 वर्ष कि आयु वाले ही नीट परीक्षा में शामिल हो सकते थे. ऐसे में जय किशोर ने इस मौके का फायदा उठाया और पिछले साल 2020 में अपनी मेहनत रंग लाई.
जय किशोर (Kishore Pradhaan) ने नीट परीक्षा में सफलता प्राप्त कर ली. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 यह सुनिश्चित करता है कि NEET (UG) परीक्षा में शामिल होने के लिए कोई ऊपरी सीमा नहीं है. यह सभी नीति आयु वर्ग के लोगों को अपने सपनों का पीछा करने के लिए है. यह कहती है कि शिक्षा और स्थिरता की कोई समाप्ति तिथि नहीं होती है.
अब 70 साल में पूरी कर लेंगे अपनी MBBS की डिग्री
जय किशोर प्रधान (Kishore Pradhaan) 40 वर्ष तक एसबीआई के डिप्टी मैनेजर के पद पर रहे. यहां से निकलने के बाद उनके मन में कुछ खालीपन सा था. जहां कुछ लोगों के लिए रिटायरमेंट का मतलब अंतिम आराम और जीवन का आनंद लेना होता है.
वहीं, प्रधान की योजना कुछ और ही थी. फिलहाल जय किशोर (Kishore Pradhaan) वीर सूरत साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (VIMSAR) में विद्यार्थियों की पढ़ाई कर रहे हैं. वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद प्राइवेट प्रैक्टिस करेंगे. पूर्ण होने तक उनकी उम्र करीब 70 साल होगी.
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