Girl: आज के समय में नौकरी पाना आसान नहीं है, लेकिन कई बार कड़ी मेहनत करने के बाद भी युवाओं के हाथ टूट जाते हैं. जरा सोचिए… एक लड़की अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करती है, अपनी पढ़ाई पूरी करती है, आत्मविश्वास के साथ इंटरव्यू देती है, लेकिन उसे बार-बार सिर्फ रिजेक्शन ही मिलता है.
यह दर्दनाक कहानी है 21 वर्षीय लड़की (Girl) एले गौचा की, जिसने 50 से अधिक कंपनियों में इंटरव्यू दिया लेकिन हर बार उसके सामने दरवाजा बंद हो गया.
उम्मीद से हताशा तक का सफर
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एले कहती हैं कि उन्होंने हर इंटरव्यू की पूरी लगन से तैयारी की. उस लड़की (Girl) ने अपना रेज़्यूमे सुधारने और सवालों का अभ्यास करने में कई रातें बिताईं, लेकिन नतीजा हमेशा एक ही रहा “आपका चयन नहीं हुआ.” शुरू में उन्हें लगा कि शायद उनके कौशल में कमी है, लेकिन बार-बार असफलताओं से उनका आत्मविश्वास कम होने लगा. लंबे समय तक अस्वीकृति का सामना करने के बाद, जब उसने असली वजह पूछी तो उसकी आँखों में आँसू आ गए.
कंपनियों ने उसे साफ़-साफ़ कह दिया कि वह उनकी “ब्रांड इमेज” के अनुरूप नहीं है. इसका मतलब यह है कि योग्यता और मेहनत पीछे छूट गई और उसका रूप-रंग उसके रास्ते में दीवार बन गया.
सोशल मीडिया पर फूटा दर्द

एले ने सोशल मीडिया पर अपनी कहानी शेयर की. लड़की (Girl) ने लिखा, “मुझे लगा था कि कड़ी मेहनत और डिग्री मेरे सपनों को पूरा कर देगी, लेकिन यहाँ तो रूप और कपड़ों को ही असली पहचान माना जाता है.” हज़ारों लोगों ने उनकी पोस्ट देखी और उनके दर्द को समझा. कई लोगों ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी प्रतिभा की बजाय रूप-रंग को प्राथमिकता दी जाती है.
सभी के लिए सबक
एले की कहानी हर उस युवा की कहानी है जो सपनों के साथ नौकरी की तलाश में निकलता है. यह घटना सिर्फ़ एले के लिए नहीं, बल्कि नौकरी की तलाश कर रहे सभी युवाओं के लिए है. कंपनियाँ इस सोच पर सवाल उठा रही हैं. युवाओं का मानना है कि सच्ची सफलता कड़ी मेहनत और काबिलियत से मिलनी चाहिए, न कि रूप-रंग या कपड़ों से।