Soumya Murder Case

Soumya Murder Case: केरल की कन्नूर सेंट्रल जेल से शुक्रवार सुबह एक मामला सामने आया। मशहूर सौम्या बलात्कार और हत्या मामले (Soumya Murder Case) का आरोपी गोविंदाचामी जेल से फरार हो गया। उच्च सुरक्षा वाली इस जेल से उसके भागने ने जेल प्रशासन की लापरवाही पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

Soumya Murder Case का मुख्य आरोपी जेल से फरार

Soumya Murder Case

सौम्या मर्डर केस का आरोपी आरोपी गोविंदाचामी 2011 के बहुचर्चित मामले का आरोपी है। इस मामले (Soumya Murder Case) में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि गोविंदाचामी दिव्यांग है। उसका एक हाथ नहीं है लेकिन इसके बावजूद वह जेल की ऊंची दीवार फांदकर भागने में कामयाब रहा। जेल में मौजूद एक कंबल की मदद से 25 फीट ऊंची दीवार फांदकर भागने की कोशिश की। उस समय जेल में बिजली नहीं थी और सुरक्षा के लिए लगाया गया हाई-वोल्टेज तार भी काम नहीं कर रहा था। मौके का फायदा उठाकर आरोपी लोगों को चकमा देकर वहाँ से फरार हो गया।

कुछ घंटों में ही पकड़ा गया आरोपी

Soumya Murder Case
गोविंदाचामी को पुलिस ने तब पकड़ा जब कुछ ही घंटे पहले उसका वांटेड नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस में बताया गया था कि बलात्कार (Soumya Murder Case) और हत्या का दोषी गोविंदाचामी जेल से भाग गया है और अब उसकी तलाश की जा रही है। पुलिस जब उसकी तलाश कर रही थी, तभी थलप्पु इलाके में लोगों ने सड़क पर एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा, जिसका एक हाथ गायब था।

आस-पास के लोगों ने उसे आवाज़ लगाई तो वह जंगल की ओर भाग गया। वहां मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी। मातृभूमि की रिपोर्ट के अनुसार, गोविंदाचामी को सुबह करीब 9 बजे थलप्पु स्थित कन्नूर डीसीसी कार्यालय के पास देखा गया। पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया और इसी दौरान उसे पकड़ लिया गया।

गोविंदाचामी ने 2011 में की थी हत्या

Soumya Murder Case

गोविंदाचामी ने फरवरी 2011 में सौम्या (Soumya Murder Case) नाम की एक लड़की के साथ बलात्कार किया था। लूट के बाद, उसने लड़की को एर्नाकुलम-शोरानूर पैसेंजर ट्रेन से धक्का दे दिया था। सौम्या रेलवे ट्रैक के पास गंभीर हालत में मिली थी। 6 फरवरी 2011 को त्रिशूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में उसकी मृत्यु हो गई। उस समय केरल में इस घटना को लेकर काफी हंगामा हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सज़ा बदली थी

Soumya Murder Case

इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने गोविंदाचामी को आदतन अपराधी मानते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी। 2013 में केरल उच्च न्यायालय ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। उस समय, गोविंदाचामी को तमिलनाडु में आठ मामलों में दोषी ठहराया गया था। उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए गोविंदाचामी सर्वोच्च न्यायालय गए। 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने गोविंदाचामी की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।

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मेरा नाम यश शर्मा है। मूलतः मैं राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानीमंडी क़स्बे...