Amazing-Feat-Of-Mango-Man-Grew-More-Than-300-Varieties-Of-Mangoes-On-A-Single-Tree-Now-He-Got-Padma-Shri-Award
'Mango Man' grew more than 300 varieties of mangoes on a single tree

Mango Man: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को आप आमों की राजधानी भी कह सकते हैं, क्योंकि लखनऊ के मलिहाबाद स्थित एक बगीचे में एक ऐसा पेड़ है, जो दुनिया में अपने आप में एक मिसाल है. यह कोई आम पेड़ नहीं, बल्कि एक ‘वंडर ट्री’ है – जिस पर एक, दो या 10 नहीं, बल्कि 300 से ज़्यादा किस्म के आम उगते हैं.

हर किस्म स्वाद, रंग, आकार और खुशबू में एक-दूसरे से बिल्कुल अलग होती है. इस पेड़ के जनक 85 वर्षीय पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान हैं, जिन्हें दुनिया भारत के मैंगो मैन (Mango Man) के नाम से जानती है।

Mango Man का कमाल

'Mango Man' Grows More Than 300 Varieties Of Mangoes On A Single Tree
‘Mango Man’ Grows More Than 300 Varieties Of Mangoes On A Single Tree

कलीमुल्लाह या मैंगो मैन (Mango Man) अपने प्रयोगों के ज़रिए एक ही पेड़ पर आम की अलग-अलग किस्में विकसित कर रहे हैं. उदाहरण के लिए, आम के पेड़ की एक शाखा पर केसर आम है, दूसरी पर दशहरी आम। तीसरी शाखा पर तोतापुरी और चौथी शाखा पर अल्फांसो आम है. पद्मश्री पुरस्कार विजेता कलीमुल्लाह 15 साल के थे जब उन्होंने अपने दोस्त के बगीचे में क्रॉस ब्रीड गुलाब देखे। एक ही पौधे में अलग-अलग गुलाब के फूल देखकर उन्हें प्रेरणा मिली। यहीं से उन्होंने एक ही पेड़ पर अलग-अलग किस्म के आम उगाने का प्रयोग शुरू किया।

आम की कई नई किस्में

कई सालों की मेहनत के बाद उन्होंने ग्राफ्टिंग विधि से आम की खेती शुरू की। मैंगो मैन (Mango Man) ने एक प्रजाति के आम की शाखा को दूसरी प्रजाति के आम की शाखा से जोड़ दिया।1987 में उन्होंने अपने प्रयोग के लिए 100 साल पुराना आम का पेड़ चुना। यहां से उनकी सफलता का जो रास्ता खुला, वह आज भी जारी है।कलीमुल्लाह के आम के बाग की खासियत यह है कि यहां आम के पेड़ों के सभी पत्ते एक दूसरे से अलग हैं। उनके हरे रंग के साथ-साथ उनकी चमक में भी अंतर है. 80 वर्षीय कलीमुल्लाह ने आम की कई नई किस्में तैयार की हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी चखा आम

इनका नाम देश की मशहूर हस्तियों के नाम पर रखा गया है. इनमें योगी आम, सोनिया आम, ऐश्वर्या आम शामिल हैं। मैंगो मैन (Mango Man) ने आम की एक किस्म प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित की है और इसका नाम नमो है। अपनी उपलब्धियों के बारे में कलीमुल्लाह कहते हैं, “मैं लोगों को बताना चाहता हूं कि जिस तरह दो लोग मिलकर एक इंसान बनते हैं, वैसा ही आम के मामले में भी होता है। दो तरह की आम की किस्मों को मिलाकर आम की नई किस्म तैयार की जा सकती है. उत्तर प्रदेश में इस समय आम की 700 किस्में पाई जाती हैं।”

Also Read…वर्ल्ड कप में भारत के लिए खेलेंगे ये 2 खोटे सिक्के, जिन्हें राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर ने कभी नहीं डाली घास