Bangladesh Has Its Eyes On India'S 'Chicken Neck', Bangladeshi Extremists Are Instigating Local People
Bangladesh has its eyes on India's 'Chicken Neck', Bangladeshi extremists are instigating local people

Bangladesh: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को दावा किया कि बांग्लादेशी (Bangladesh) कट्टरपंथियों का एक वर्ग ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ को कमजोर करने के उद्देश्य से वर्षों पहले पड़ोसी देश से पलायन कर आए भारतीय नागरिकों को “उकसाने” की कोशिश कर रहा है. ‘चिकन नेक कॉरिडोर’ पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है.

यहाँ एक संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने दावा किया कि सीमावर्ती इलाकों, खासकर धुबरी ज़िले में लोगों को उनकी ‘मौलिकता’ की याद दिलाने की साज़िश रची जा रही है.

CM ने क्या कहा?

उन्होंने कहा, “धुबरी में स्थिति चिंताजनक है, यहां बांग्लादेशी (Bangladesh) कट्टरपंथियों का एक वर्ग स्थानीय लोगों को भड़काने और उन्हें बांग्लादेश के प्रति वफादारी दिखाने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा है, जबकि वे बहुत पहले वहां से चले गए हैं.” मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकन नेक और उसके आसपास रहने वाले अधिकांश लोग मूल रूप से बांग्लादेश से आए थे और बाद में उन्होंने अपने आगमन के वर्ष के आधार पर भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली.

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दोनों देशों के बीच संघर्ष

Bangladesh Has Its Eyes On India'S 'Chicken Neck'
Bangladesh Has Its Eyes On India’S ‘Chicken Neck’

उन्होंने कहा, “कुछ तत्व इन लोगों को उनकी मौलिकता याद दिलाने और उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. यह आने वाले दिनों में एक बहुत गंभीर सुरक्षा खतरा बनने जा रहा है.” धुबरी में स्थिति बहुत नाज़ुक है.” सरमा ने बांग्लादेश (Bangladesh) के मैमनसिंह से मूल रूप से पलायन करने वाले भारतीय नागरिकों के बारे में चिंता जताई और सवाल किया कि दोनों देशों के बीच संघर्ष की स्थिति में उनकी निष्ठा कहां होगी.

आधार कार्ड के लिए आवेदन

दूसरी ओर, हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता हासिल करने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में, 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति राज्य में पहली बार आधार कार्ड नहीं बनवा पाएंगे. उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को आधार कार्ड के लिए आवेदन करने हेतु केवल एक महीने का समय दिया जाएगा, बशर्ते उन्होंने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया हो.

Bangladesh से संभावित घुसपैठ

हालांकि, उन्होंने कहा कि चाय बागानों में रहने वाले आदिवासियों, 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगले एक वर्ष के भीतर आधार कार्ड जारी किए जाएंगे. सरमा ने कहा, “आधार कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को नागरिकों की पहचान की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में माना जा रहा है.” यह कदम पिछले एक वर्ष में बांग्लादेश से संभावित घुसपैठ से संबंधित चिंताओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा दिए गए ध्यान को दर्शाता है.”

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