NEET Exam: हर साल लाखों मेडिकल छात्र नीट यूजी परीक्षा देते हैं। लेकिन पेपर लीक होने के कारण इस साल 23 लाख अभियार्थियों का भविष्य फिलहाल अंधकार में नजर आ रहा है। पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है तो वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी भी सवालों के कठघरे में खड़ी हुई है। गली के नुक्कड़ों से लेकर संसद के गलियारों तक हर तरफ इस मामले की चर्चा हो रही है।
विपक्ष ने तो संसद में इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग उठाकर हंगामा करना भी शुरू कर दिया है। तो उधर केंद्र सरकार इस परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए काम कर रही है। इसी बीच अब खबर है कि सरकार इस परीक्षा के पूरे फॉर्मेट को ही बदलने पर विचार कर रही है।
ऑनलाइन हो सकती है नीट की परीक्षा
पूरे देश में गर्माए नीट यूजी एग्जाम (NEET Exam) के कथित पेपर लीक मामले को लेकर महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक कई आरोपियों को दबोच लिया गया है। मामला संसद के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। इसी बीच खबर है कि सरकार इस परीक्षा को ऑनलाइन मोड़ से करवाने के ऑपशन पर विचार कर रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल नीट यूजी एग्जाम ऑफलाइन मोड़ में करवाया जाता है।
इस पेपर का फॉर्मेट मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन वाला है, जिसमें छात्रों को एक प्रशन के उत्तर के लिए चार विकल्प दिए जाते हैं और फिर छात्र अपने उत्तर एक ओएमआर शीट पर लिखते हैं। बाद में इस ओमआर शीट को स्कैन किया जाता है और परिणाम आता है। हालांकि कई मौकों पर स्वास्थ्य मंत्रायल इस परीक्षा को ऑनलाइन मोड़ में करवाने के पक्ष में नहीं रहा है जिसके कारण अभी तक ये परीक्षा एनटीए द्वारा आयोजित करवाई जाती है।
जेईई एग्जाम फॉर्मेट पर हो रही चर्चा
आईआईटी, जेईई मेन्स और अडवांस्ड एग्जाम ऑनलाइन मोड में ही करवाए जाते हैं लेकिन अभी तक नीट यूजीसी को ऑफलाइन ही करवाया जा रहा था। हाल ही में नीट पीजी की परीक्षा (NEET Exam) पोस्टपोन होने के बाद एनटीए में सुधार और परीक्षा प्रोसेस में समीक्षा के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हो चुका है।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस समिति ने पिछले कुछ हफ्तों में तीन हाई लेवल बैठकों का आयोजन किया है और इन बैठकों में जेईई के फॉर्मेट पर गहनता से चर्ची की गई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये समिति जांच के बाद कई बड़े सुझाव दे सकती है हालांकि परीक्षा को ऑनलाइन मोड़ में करवाने का अंतिम फैसला राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का होगा।
2018 में शिक्षा विभाग कर चुका था ऐलान
नीट की परीक्षा (NEET Exam) को ऑनलाइन करवाने का मुद्दा पहली बार नहीं उठा है, दरअसल, 2018 में तो इसकी घोषणा तक कर दी गई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 में उस समय के शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐलान कर दिया था कि 2019 से नीट की परीक्षा ऑनलाइन होगी और साल में दो बार आयोजित करवाई जाएगी। छात्र सरकार के इस फैसले से काफी खुश थे लेकिन तभी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में अपनी टांग अड़ा दी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शिक्षा विभाग द्वारा किए गए इस ऐलान पर आपत्ति जताते हुए कहा की ये फैसला उनके परामर्श के बिना लिया गया है। जिसके बाद मजबूरन शिक्षा विभाग को अपना ये फैसला वापस लेना पड़ा। बताया जाता है कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात को लेकर चिंतित था कि ऑनलाइन एग्जाम के कारण गरीब और ग्रामीण छात्रों को नुकसान हो सकता है।