C Vanmathi : कुछ लोगों के जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएं होती हैं, जो उन्हें आगे बढ़ाती हैं और अपने जीवन को दिशा देने के लिए प्रेरित करती हैं. दुखों से भरी जिंदगी में हर किसी को अपने संघर्षों (C Vanmathi) से ऊपर उठने की उम्मीद होती है. लेकिन मुश्किलों का सामना करना और उन पर विजय पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सी वनमती (C Vanmathi) की कहानी लेकर आए हैं, जो आपको समय के साथ सफलता पाने का मौका देंगी…
C Vanmathi की प्रेरणादायक कहानी
तमिलनाडू कि रहने वाली सी वनमती (C Vanmathi) की ये कहानी हैं. जिन्होंने बचपन से संघर्षों को झेला पर उन्हें खुद पर हावी नहीं होने दिया था. इसके साथ ही उन्होंने बचपन में भैंस चराई और घर के आर्थिक सहयोग में अपना योगदान भी दिया था. इतना ही नहीं उनके पिता एक कैब ड्राइवर थे और परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी.
लेकिन सी वनमती ने कभी हार नहीं मानी. बचपन में भैंस चराई, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और इस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बचपन में काफी संघर्षों के बीच समय बीता. कम उम्र में शादी का दबाव भी झेला.
भैंस चराते हुए बनी आईएस
आर्थिक रूप से कमजोर के बाद भी माता-पिता चाहते थे कि उनकी बेटी पढ़े लिखे अधिकारी बने. वनमती घर की सबसे छोटी बेटी थी. कई बार उन्हें काम को करते हुए भी पढ़ाई लिखाई करनी पड़ती थी. वनमती (C Vanmathi) एक ऐसे परिवार से आती हैं, जहां लड़कियों को 12वीं के बाद पढ़ने की अनुमति नहीं थी जाती. वनमती फिर भी अपने हौंसले को पंख देती रही और पढ़ाई पर ध्यान देती रही. उन्होंने इन बातों की परवाह किए बिना अपनी पढ़ाई जारी रखी. 12वीं के बाद वनमती ने ग्रेजुएशन किया और इसके साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी जारी की. उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग से मास्टर्स किया है.
2015 में 152 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की
वनमती (C Vanmathi) ने दिन-रात मेहनत की. वर्ष 2015 में उन्होंने 152 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास ली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वनमती महाराष्ट्र के नंदुरबार में असिस्टेंट कलेक्टर और प्रोजेक्ट ऑफिसर पद पर कार्यरत हैं. आईएएस वनमती से उन सभी लड़कियों को प्रेरणा लेनी चाहिए जो सपने देखती हैं.
एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि शिक्षा में किसी भी स्थिति को ऊपर उठाने की क्षमता है. ऐसे में शिक्षा हमेशा महत्वपूर्ण होनी चाहिए. सी वनमती (C Vanmathi) ने कलेक्टर बनने का सपना देखा था, जिसे बनने के लिए उन्होंने दिन-रात एक कर दिए.
टीवी शो से मिली प्रेरणा
वनमती (C Vanmathi) को कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन हार नहीं मानी.आखिरकार उनकी मेहनत का रंग लाई और उन्होंने इसे पाकर ही दम लिया. वनमती को आईएएस बनने की प्रेरणा रील और रियल लाइफ दोनों से मिली. पहली थी वो महिला, जो अपने गृहनगर जिला निवासी बनकर आई थी. दूसरा यमुना सरस्वती नाम का एक टीवी शो था, जिसमें एक अधिकारी के रूप में मुख्य महिला ने अभिनय किया था. वनमती (C Vanmathi) उन सारी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो हालातों से हारकर अपने सपने को बीच में छोड़ देती हैं.
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