Indian Air Force Is Going To Get 5Th Generation Fighter Jets
Indian Air Force is going to get 5th generation fighter jets

Air Force: बदले हुए माहौल में भारत लगातार अपनी रक्षा प्रणाली को मज़बूत करने में लगा हुआ है. लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ-साथ लड़ाकू विमानों को लेकर भी लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. देसी लड़ाकू विमान बनाने की राह में इंजन सबसे बड़ी बाधा बनकर उभरा है. भारत की रक्षा कंपनियों के पास विमान इंजन बनाने में विशेषज्ञता नहीं है. तेजस एमके1ए लड़ाकू विमान के निर्माण में यह मुद्दा प्रमुखता से सामने आया है.

अमेरिका और रूस दोनों ने दिए प्रस्ताव

अमेरिका ने भारत को लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग II और रूस ने सुखोई एसयू-57 फेलन विमान की पेशकश की है. ये दोनों ही पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं और आधुनिक युद्ध तकनीकों से लैस हैं. रक्षा मंत्रालय (MoD) ने अभी तक इस सौदे में भारतीय वायु सेना (Air Force) को पूरी तरह से शामिल नहीं किया है. सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय इन दोनों प्रस्तावों का गहराई से परीक्षण करेगा और 2026 तक इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है. यह फैसला ऐसे समय में लिया जा रहा है, जब भारत भी स्वदेशी लड़ाकू परियोजना एएमसीए (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) पर तेजी से काम कर रहा है।

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मौजूदा फ्लीट और स्टेल्थ गैप

वर्तमान में, भारतीय वायुसेना के पास सुखोई Su-30MKI, डसॉल्ट राफेल और HAL तेजस Mk1A जैसे चौथी और साढ़े चार पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। लेकिन भारतीय वायुसेना (Air Force) के पास फिलहाल कोई भी स्टील्थ (अगोचर) लड़ाकू विमान नहीं है. चीन के पास पहले से ही जे-20 स्टील्थ लड़ाकू विमान है, वहीं पाकिस्तान भी जे-10सीई लड़ाकू विमानों और पीएल-15ई मिसाइलों के साथ लगातार अपना आधुनिकीकरण कर रहा है।

अमेरिकी F-35 और रूसी Su-57 की पेशकश

अमेरिका ने भारत को लॉकहीड मार्टिन एफ-35 लाइटनिंग II और रूस ने सुखोई एसयू-57 फेलन की पेशकश की है। लेकिन रक्षा मंत्रालय (MoD) ने अभी तक इन प्रस्तावों पर बातचीत में भारतीय वायु सेना (Air Force) को पूरी तरह से शामिल नहीं किया है। उम्मीद है कि इस पर अंतिम फैसला 2026 तक लिया जा सकेगा। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने 2035 तक स्वदेशी एएमसीए स्टील्थ जेट विमानों के आने से पहले तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए 60 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की खरीद की सिफारिश की है। यह जानकारी वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी.

क्यों जरूरी हैं ये 60 स्टेल्थ फाइटर?

भारतीय वायुसेना (Air Force) का मानना है कि ये विमान 2024 से 2035 के बीच, भारत के स्वदेशी 5.5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA के सेवा में शामिल होने तक, सुरक्षा ज़रूरतों को पूरा करेंगे। चीन और पाकिस्तान की लगातार बढ़ती हवाई ताकत को देखते हुए, इसे एक व्यावहारिक रणनीति माना जा रहा है।

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