Deepali-Kannaujia-Got-Scholarship-For-America

Deepali Kannaujia : कोई भी प्रतिभा महलों की मोहताज नहीं होती है. प्रतिभा को तराशने के लिए किसी सांचे या कलाकारी की भी जरूरत नहीं है. अगर आप खुद पर विश्वास करते हैं तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं हो सकता हैं. यहीं 10 वीं कक्षा में पढने वाली दीपाली ने कुछ सिद्ध करके दिखाया है. दीपाली कन्नौजिया (Deepali Kannaujia) की उपलब्धि कुछ इसी तरह के संकेत देती हैं. अगर आप अपने गरीब होने का ही दुःख मनाते रहेंगे तो आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते हैं और ना ही बिना मेहनत के कुछ पा सकते हैं.

दीपाली ने एक कमरे के घर में रहकर मेहनत कि और खुद को संवारने का कार्य किया. उनकी मां धोबी का काम करती है. आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. ऐसे में दीपाली (Deepali Kannaujia) ने बच्चों को पढ़ना शुरू कर दिया, ताकि मां को कुछ मदद मिल सके.

लखनऊ कि दीपाली ने किया नाम रोशन

Deepali Kannaujia

रिपोर्ट के मुताबिक, दीपाली (Deepali Kannaujia) एक कमरे के घर में रहती हैं और बच्चों को पढ़ाती हैं. जिससे अपनी मां की मदद कर सकें. उनकी मां कपड़े धोने का काम करती हैं लेकिन इससे परिवार का सारा खर्च नहीं चल सकता है. अब 16 साल की दीपाली ने अपने दम पर स्कॉलरशिप हासिल की है. दीपाली ने बताया कि अमेरिकी विदेश विभाग का कैनेडी-लुगर यूथ रिव्यू एंड स्टडी प्रोग्राम है. इसमें प्रतिष्ठित देशों के हाई स्कूल के छात्रों को एक वर्ष के लिए अमेरिका में एक छात्रवृत्ति के लिए आमंत्रित किया जाता है. इसी अध्ययन कार्यक्रम के अंतर्गत दीपाली का चयन हुआ है.

दीपाली (Deepali Kannaujia) बताती है कि मुझे इस कार्यक्रम के लिए पूरे भारत से 30 छात्रों के बीच में चुना है. मैं अलग-अलग कलाकृतियों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हूं. वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटी हैं. उनके पिता भी धोबी हैं, लेकिन पैर की सर्जरी होने के बाद वो काम करने में असमर्थ हो गए हैं. ऐसे में परिवार की ज़िम्मेदारी मां के ऊपर पर ही है.

10वीं कक्षा की दीपाली पढ़ने जाएंगी अमेरिका

 

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दीपाली (Deepali Kannaujia) की मां सुमन ने कहा कि मैं खुश और उत्सुक हूं, हालांकि वह पहली बार बाहर को लेकर थोड़ा नर्वस भी हूं. दीपाली की इस बड़ी उपलब्धि से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. बता दें दीपाली देश में चुने गए 30 छात्रों में से एक है. स्कॉलरशिप पाने के बाद दीपाली ने कहा, ‘मैं इस कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न संरचनाओं के बारे में जानने के लिए उत्सुक हूँ. स्कॉलरशिप कार्यक्रम के तहत उन्हें देश-विदेश के छात्रों की सोच और संस्कृति को जानने और समझने का मौका मिलता है.’ दीपाली (Deepali Kannaujia) ने इन अभावों के बीच अपनी ख्वाहिश को कुचलने नहीं दिया. 16 साल की उम्र में उन्होंने अपनी मेहनत से इस मुकाम को हासिल किया है.

मां करती है कपड़े धोने का काम

 

 

दीपाली (Deepali Kannaujia) का चयन अमेरिकी विदेश विभाग के कैनेडी-लुगर यूथ रिव्यू एंड स्टडी प्रोग्राम के लिए हुआ. इसके लिए उसके लिए स्कॉलरशिप ऑफर की जा रही है. यह स्कॉलरशिप एक शैक्षणिक वर्ष के लिए दी जाती है. इस योजना के तहत अन्य देशों के छात्रों को अमेरिका में बुलाया जाता है. इस स्कॉलरशिप प्रोग्राम में चयनित होने वाले कुछ छात्रों में दीपाली का नाम भी शामिल हैं.

बता दें दीपाली (Deepali Kannaujia) लखनऊ के प्रेरणा गर्ल्स स्कूल में कक्षा 10वीं की छात्रा हैं. यह स्कूल स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन की एक इकाई है. दीपाली आने वाले 19 अगस्त को अमेरिका के लिए रवाना होंगी. दीपाली ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के इस संस्थान के बारे में सुना था, लेकिन कभी यह नहीं सोचा कि वह वहां पढ़ाई करूंगी. यह उनके लिए एक बड़ा अवसर है.

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