Jessica Radcliffe: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि एक 23 वर्षीय ट्रेनर जेसिका रैडक्लिफ (Jessica Radcliffe) को एक किलर व्हेल ने लाइव शो के दौरान हमला कर मार डाला। वीडियो में समुद्री पार्क का दृश्य, पानी में अफरा-तफरी और दर्शकों की चीखें सुनाई देती हैं। तो आइए जानते है क्या है इस वायरल वीडियो का पूरा सच…..
क्या है वायरल वीडियो का सच?

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लोगों ने सच समझकर सहानुभूति भरे संदेश साझा किए। लेकिन सच्चाई सामने आने पर पता चला कि यह पूरा मामला झूठा और भ्रामक था। जांच में पता चला कि जेसिका रैडक्लिफ (Jessica Radcliffe) नाम की किसी ट्रेनर का कोई रिकॉर्ड या आधिकारिक जानकारी मौजूद नहीं है।
न तो “Pacific Blue Marine Park” नाम का कोई पार्क है, न ही इस तरह की किसी घटना की पुष्टि किसी समाचार एजेंसी या सरकारी रिकॉर्ड में हुई है।
The final smile before horror Jessica Radcliffe waves to crowd seconds later the killer whale 🐬🐋 strikes 😭😲🥺#ripjassica #jessicahttps://t.co/2371yj0D7V pic.twitter.com/YdSXk8CDkW
— KYO CHANNEL (@KYO____CHANNEL) August 12, 2025
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AI तकनीक से बनाया गया वीडियो
फ़ैक्ट-चेक वेबसाइट Snopes और कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने इस वीडियो को गहराई से जांच की। नतीजा सामने आया कि यह वीडियो पूरी तरह AI और डिजिटल एडिटिंग से तैयार किया गया और फेक कंटेंट है। वीडियो में इस्तेमाल की गई आवाज़, भीड़ के रिएक्शन और पानी में होने वाली हरकतों में कई तकनीकी ग़लतियां हैं, जो AI-जनित फुटेज में आमतौर पर दिखाई देती हैं।
वास्तविक घटना से प्रेरित
विशेषज्ञों का मानना है कि इस वीडियो की कहानी कुछ वास्तविक घटनाओं से प्रेरित हो सकती है, जैसे 2010 में SeaWorld की ट्रेनर Dawn Brancheau की मौत, जो “Tilikum” नामक किलर व्हेल के हमले में हुई थी, या 2009 में Loro Parque में ट्रेनर Alexis Martínez की मौत। इन घटनाओं की लोकप्रियता ने इस झूठी कहानी को और विश्वसनीय दिखाने में मदद की।
अंततः इस वायरल वीडियो की सच्चाई यह है कि जेसिका रैडक्लिफ (Jessica Radcliffe) का मामला पूरी तरह मनगढ़ंत है। यह वीडियो केवल लोगों का ध्यान खींचने और वायरल होने के लिए बनाया गया था। सोशल मीडिया पर ऐसे कंटेंट को शेयर करने से पहले हमेशा उसकी स्त्रोत और प्रमाणिकता की जांच करनी चाहिए, ताकि फर्जी खबरें और अफवाहें फैलने से रोकी जा सकें।
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