Divya Mittal : लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) और IIT और IIM के लिए CAT परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है। कई बार लोग इनमें से एक या दो परीक्षाएं बमुश्किल पास कर पाते हैं। अपने सपनों को साकार करने के लिए वे दिन-रात मेहनत करते हैं। आज हम एक ऐसी ही IAS की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने पूरे देश की सभी कठिन परीक्षाएं पास की हैं। और विदेशी कंपनी में नौकरी भी कि लेकिन इसके बाद उन्हें आईएएस ऑफिसर (Divya Mittal) बनने कि प्रेरणा मिली और उस पद को पा लिया। आइए जानते हैं उनके बारे में।
सबसे पढ़ाकू आईएएस अधिकारी Divya Mittal
जी हां, हम बात कर रहे हैं IAS दिव्या मित्तल (Divya Mittal) की। दिव्या मित्तल वर्तमान में देवरिया की DM हैं और 2013 बैच की IAS अधिकारी हैं। दिव्या मित्तल हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने सबसे पहले JEE पास करके IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने CAT पास करके IIM बैंगलोर से MBA किया। इसके बाद दिव्या को बड़े पैकेज की नौकरी मिली और वे लंदन चली गईं।
कौन हैं आईएएस अधिकारी दिव्या मित्तल?
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मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली दिव्या (Divya Mittal) ने बिना कोचिंग के अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली और आईपीएस के तौर पर अपनी जगह पक्की कर ली। हालांकि, मन में आईएएस बनने का सपना लिए दिव्या ने दूसरी बार परीक्षा दी और ऑल इंडिया में 68वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बनीं। आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद दिव्या ने कैट परीक्षा पास की और आईआईएम बैंगलोर में एडमिशन लिया। मास्टर्स इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) की डिग्री हासिल करने के बाद दिव्या (Divya Mittal) अच्छे पैकेज वाली नौकरी करने लंदन चली गईं।
लंदन की नौकरी छोड़ बनी आईएएस
हालांकि, कुछ समय बाद उन्हें (Divya Mittal) लगा कि अब आईएएस बनने का सपना पूरा करने का समय आ गया है। इसके बाद उन्होंने वह नौकरी छोड़ दी और वापस भारत आ गईं। सबसे पहले उनके पति गगनदीप सिंह ने आईएएस परीक्षा पास की और फिर दिव्या भी जगह बनाने में कामयाब रहीं। सिविल सेवा में शामिल होने से पहले, उन्होंने लंदन में एक विदेशी डेरिवेटिव ट्रेडर के रूप में काम किया। दिव्या ने आईआईएम बैंगलोर से एमबीए और आईआईटी दिल्ली से बीटेक किया है।
आईएएस के लिए पति से ली प्रेरणा
पति के आईएएस बनने से प्रभावित होकर उन्होंने आईएएस बनने का सपना संजोया। जब पति आईएएस बन गए, तो उन्होंने भी बिना किसी कोचिंग की मदद के यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। दिव्या मित्तल (Divya Mittal) ने अपने पहले प्रयास में 2012 में आईपीएस रैंक हासिल की, लेकिन उनका सपना आईएएस बनना था। इसलिए दिव्या ने फिर से परीक्षा दी और इस बार 2013 में उन्होंने 68वीं रैंक हासिल करके अपना सपना पूरा किया। इस बार उन्हें यूपी कैडर मिला। आईएएस दिव्या मित्तल संत कबीर नगर, मिर्जापुर, बस्ती आदि जिलों की कमान संभाल चुकी हैं। वह यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
युवाओं के लिए दिव्या बनी प्रेरणास्त्रोत
उन्होंने (Divya Mittal) युवाओं को सिखाया कि अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल जरूर मिलती है। एलबीएसएनएए (मसूरी) में आईएएस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें अशोक बंबावाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो बैच में आईएएस प्रोबेशनर को 2 साल के पूरे प्रशिक्षण घटक में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। एलबीएसएनएए (मसूरी) में आईएएस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें (Divya Mittal) अशोक बंबावाले पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो बैच में आईएएस प्रोबेशनर को 2 साल के पूरे प्रशिक्षण घटक में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
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