नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, 92 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस, 1 सप्ताह का राजकीय शोक हुआ घोषित

Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। पूर्व पीएम ने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को स्वास्थ्य संबंधी समस्या के बाद एम्स दिल्ली के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद 9 बजकर 51 मिनट पर उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर भारत सरकार ने 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस दौरान देशभर में राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और किसी भी आधिकारिक मनोरंजन कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।

7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित

Manmohan Singh
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh)  के निधन पर पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं और हस्तियों ने दुख व्यक्त किया है। पूर्व पीएम के निधन पर भारत सरकार द्वारा 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से आज से होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द रहेंगे। साथ ही आज सुबह 11 बजे कैबिनेट की बैठक होगी। इसके बाद डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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इसी साल राज्यसभा से हुए थे रिटायर्ड

Manmohan Singh
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पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री थे। वह संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य थे। मनमोहन सिंह ने 21 मार्च, 1998 से लेकर 21 मई 2004 तक सदन में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी संभाली थी। डॉक्टर मनमोहन सिंह इसी साल अप्रैल महीने में राज्यसभा से रिटायर हुए थे जिसके बाद उनके एक प्रतिष्ठित संसदीय करियर का अंत हुआ था।

लगातार दो बार रहे प्रधानमंत्री

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भारत को नई आर्थिक नीति की राह पर लाने का श्रेय डॉ सिंह (Manmohan Singh) को दिया जाता है। उन्होंने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), रुपये के अवमूल्यन, करों में कटौती और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण की अनुमति देकर एक नई शुरुआत की। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति की शुरुआत में उनकी भूमिका को दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।

वह 1996 तक वित्त मंत्री के तौर पर आर्थिक सुधारों को अमलीजामा पहनाते रहे। सिंह को मई 2004 में देश की सेवा करने का एक और मौका मिला और इस बार वह देश के प्रधानमंत्री बने। अगले 10 वर्षों तक उन्होंने देश की आर्थिक नीतियों और सुधारों को मार्गदर्शन देने का काम किया।

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