Gas cylinder price: हर साल महंगाई बढ़ती ही जा रही है और इसके साथ ही बढ़ रहा है एलपीजी गैस सिलेंडर का दाम। साग सब्जियों की कीमतों के बाद एक सिलेंडर की ही कीमत है जो आम जनता की जेब पर सीधा असर डालती है। हालांकि कई महीनों से पूरे देश में घरेलू एलपीजी गैस सिंलडरों के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन अब इसी बीच खबर है कि सरकार ने सिलेंडर की कीमतों में भारी कटौती करने का ऐलान कर दिया है।
मात्र 450 रुपए में मिलेगा सिलेंडर
सिलेंडरों की कीमतों (Gas cylinder price) को कम करने का निर्णय केंद्र सरकार ने नहीं बल्कि मध्यप्रदेश की राज्य सरकार ने लिया है। दरअसल कीमतों में कटौती कर सरकार ने रक्षाबंधन से पहले अपनी लाड़ली बहनों को एक बड़ा तोहफा दिया है। सरकारी आदेश के मुताबिक लाडली बहना लाभार्भी योजना की महिलाओं को अब सिलेंडर (Gas cylinder price) के लिए मात्र 450 रुपए ही देने होंगे, प्रदेश में अभी सिलेंडर की कीमत 848 रुपए चल रही है। इस हिसाब से देखा जाए तो सरकार ने लाडली बहनों के लिए सिलेंडर की कीमतों का आधा कर एक बड़ा दाव चला है।
सरकार पर पड़ेगा अतिरिक्त भार
इस फैसले से सरकार पर अतिरक्त भार पड़ेगा क्योंकि ये छूट (Gas cylinder price) गैस कंपनियो की तरफ से नहीं बल्कि सरकार की तरफ से है। ऐसे में 399 रुपए की बची हुई राशि सरकार अपने खजाने से भरेगी। मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को ही इस बड़े फैसले पर मुहर लगाई है। कैबिनेट की बैठक के बाद इस पूरे मामले की जानकारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लोगों से साझा की है।
इस दौरान उन्होंने कहा कि “लाडली बहना योजना के तहत हमने एक अहम फैसला लिया है कि इस योजना के सभी लाभार्थियों को गैस सिलेंडर मात्र 450 रुपए में ही दिया जाएगा”। साथ ही इस दौरान उन्होंने बताया कि “इस फैसले के कारण सरकारी खजाने पर करीब 160 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा”।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी दिया तोहफा
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही नक्श-ए-कदमों पर चलने वाले राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रक्षा बंधन से पहले सिर्फ लाड़ली बहनों को ही नहीं बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी एक बड़ा तोहफा दिया है। बता दें कि सरकार ने फैसला लिया है कि सक्षम आंगनबाड़ी पोषण योजना के तहत आंगनबाड़ी की सभी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत कवर प्रदान करवाया जाएगा।
सबसे बड़ी बात ये है कि इसका प्रीमियम भी राज्य सरकार खुद ही भरेगी। सरकार के इस बड़े फैसले के कारण करीब 57 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को लाभ मिलेगा।