Kissing-Disease-May-Harmfull-For-Health

Kissing Disease : मेडिकल साइंस में लिप किस करना स्वास्थ के लिए और अच्छे रिश्ते के लिए सुखद माना जाता है. हिंदी में कहे तो चुंबन को खुश रहने के लिए उपयोगी माना जाता है. किस करने से दिमाग में अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं और वो हमारे स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है. हालाँकि यही किस अब लोगों के लिए बीमारी का कारण बन रहा है. इससे एक बीमारी उत्पन्न हो रही है जो लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. किसिंग डिजीज ने कई देशों में खतरे की घंटी बजा दी है. ब्रिटेन समेत कई देशों में लोग ग्लेन्डुआर फीवर यानी किसिंग डिजीज (Kissing Disease) के खतरे में आ गए हैं.

कईं देशों में किसिंग डिजीज का प्रकोप

बता दें चुंबन से होने वाली इस बीमारी को किसिंग डिजीज (Kissing Disease) भी कहा जाता है. हालाँकि, मेडिकल भाषा में संक्रामक मोनोन्यूक्लिओसिस भी कहा जाता है. यह बीमारी एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) के कारण ही होती है जो कि मनुष्य के लार से फैलती है. क्योंकि वह बीमारी आमतौर पर किस करने से फैलती है इसलिए इसे किसिंग डिजीज (Kissing Disease) भी कहा जाता है.

इस बीमारी के बारे में क्या कहना है डॉक्टर का

डॉक्टर के अनुसार, ‘किसी डिजिटल डिवाइस से कई वायरस फैल सकते हैं, लेकिन 90 फीसदी मामलों में देखा गया है कि यह बीमारी एपस्टीन बार वायरस (ईबीवी) से फैलती है. जिसकी वजह मनुष्य की लार है.’ जब वायरस (Kissing Disease) के संक्रमण के समय एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति से संपर्क होता है तब यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से चला जाता है और फिर पूरे शरीर में फैल जाता है.

लार के माध्यम से एक-दूसरे में फैलता है रोग

Kissing Disease

वहीं अमेरिका की एक संस्था सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया कि किसिंग डिजीज (Kissing Disease) को मानव हर्पीज 4 भी कहा जाता है. यह वायरस हार्पीज़ फैमिली का वायरस है. डॉक्टर कहते हैं कि यह बीमारी खुदसे उपजी बीमारी है लेकिन अच्छे उपचार से यह ठीक भी हो जाती है. एपस्टीन बार वायरस आमतौर पर युवाओं और बच्चों को प्रभावित करता है. लेकिन बच्चे अगर संक्रमित भी होते हैं तो उनमें लक्षण कम नजर आते हैं. जबकि बुजुर्गों में संक्रमण की आशंका कम होती है. यह वायरस ब्लड नेटवर्क, यौन क्रियाओं, खाने और पीने से फैलता है.

एपस्टीन वायरस से फैलती है किसिंग डिजीज

किसिंग डिजीज (Kissing Disease) एपस्टीन बार नामक वायरस से मनुष्य में फैलती है. इसके बाद संक्रमित व्यक्ति की लार से ये बीमार दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर देती है. किस करने यानी चूमने,खांसने और छींकने के साथ-साथ एक चम्मच से खाना, एक ही सिगरेट पीना, एक गिलास से पानी पीना और एक स्ट्रॉ से कुछ पीने से भी ये (Kissing Disease) वायरस संक्रमण फैल रहा है.

आइए जानते हैं कि इसके लक्षण क्या हैं

Kissing Disease

किसिंग डिजीज (Kissing Disease) का वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो सबसे पहले गले में बदलाव में इसका प्रभाव देखने को मिलता है. इसके साथ ही खांसी, गले में खराश और टॉन्सिल्स का रूप ले लेता है. व्यक्ति का गला दर्द करने लगता है और उसे ग्रंथि ज्वर हो जाता है. इस बुखार में गले की ग्रंथियां सूज जाती हैं. इसके बाद व्यक्ति को उल्टी (Kissing Disease) होने लगती है और बार-बार पसीना आने लगता है. इसके लक्षण तेज बुखार, शरीर पर चकते होना, सिर और बदन का दर्द होना, भूख ना लगना, लीवर में दर्द होना है.

शरीर के इस अंग को करता है ज्यादा प्रभावित

Kissing Disease

इस बीमारी को किसिंग डिजीज (Kissing Disease) इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह लार के माध्यम से शरीर में प्रवेश करती है. किसिंग डिजीज (Kissing Disease) का सबसे ज्यादा असर लीवर पर पड़ता है. यह वायरस सबसे ज्यादा लीवर को प्रभावित करता है. इससे लीवर फेलियर और हेपेटाइटिस भी हो सकता है. ऐसे (Kissing Disease) में डॉक्टर लोगों को उपचार करने की सलाह देते हैं. साफ-सफाई रखने और अन्य सावधानियों का पालन करके इस बीमारी को दूर किया जा सकता है.

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