Zivame: यह कहानी एक मां और बेटी के अद्वितीय रिश्ते की है, जिसमें मां ने अपनी बेटी की जिद को समझते हुए एक साधारण से विचार को 1300 करोड़ की कंपनी में बदल दिया। जब बेटी ने अपने व्यवसाय (Zivame) के बारे में खुलासा नहीं करने की जिद की, तो मां ने उसे चुनौती दी और सफलता की नई ऊंचाइयों को छू लिया। यह कहानी प्रेरणा देती है कि कैसे दृढ़ता और प्यार के बल पर असंभव को संभव बनाया जा सकता है।
Zivame: क्या है रिचा की सफलता की कहानी

रिचा की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है, जो समाज और परिवार के विरोध के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। जब रिचा ने इनरवियर बिजनेस (Zivame) शुरू करने का फैसला किया, तब उनके परिवार और दोस्तों से कड़ा विरोध मिला। परिवार वालों ने चिंता जताई कि लोग क्या कहेंगे और उनकी बेटी का यह व्यवसाय कैसे समाज में स्वीकार्य होगा। दोस्तों ने भी उनका मजाक बनाया, लेकिन रिचा ने हार नहीं मानी।उन्होंने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा ध्यान बिजनेस पर केंद्रित किया।
समाज के रूढ़िवादी सोच से हटकर, रिचा ने अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। उनकी लगन और संकल्प का नतीजा यह रहा कि उन्होंने 1300 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी। यह कहानी इस बात का उदाहरण है कि अगर आपमें आत्मविश्वास और मेहनत की क्षमता हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।रिचा ने साबित किया कि अगर किसी काम को करने की ठान ली जाए, तो समाज की परवाह किए बिना सफलता हासिल की जा सकती है।
मां ने भी किया Richa के बिजनेस का विरोध

रिचा, जमशेदपुर के एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मी और बिट्स पिलानी से पढ़ी, ने बेंगलुरु में नौकरी के दौरान महिलाओं की लॉन्जरी (Zivame) से जुड़ी समस्याओं को समझा और लॉन्जरी बिजनेस शुरू करने का फैसला किया। परिवार और दोस्तों से कड़े विरोध का सामना करने के बावजूद, उन्होंने अपनी अच्छी नौकरी छोड़ दी और बिजनेस पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी मां ने भी पहले विरोध किया, लेकिन रिचा की दृढ़ता देख उनका साथ दिया। रिचा ने मेहनत से 1300 करोड़ की कंपनी खड़ी कर समाज को दिखा दिया कि आत्मविश्वास और संकल्प से कुछ भी संभव है।
साल 2011 में शुरू किया Zivame का बिजनेस

2011 में, रिचा ने Zivame की शुरुआत की, जो आज महिलाओं के लिए सबसे लोकप्रिय लॉन्जरी ब्रांडों में से एक है। शुरुआती दिनों में उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने दोस्तों और परिवार से 35 लाख रुपये की मदद ली और अपनी पूरी सेविंग्स भी इस बिजनेस में लगा दीं। रिचा का उद्देश्य था एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना, जहां महिलाएं बिना किसी झिझक या शर्म के घर बैठे अपनी जरूरत की लॉन्जरी खरीद सकें।Zivame ने इस समस्या का समाधान किया, जिसे महिलाएं आमतौर पर दुकानों पर महसूस करती थीं।
इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने महिलाओं को स्वतंत्र और सहज तरीके से शॉपिंग करने का मौका दिया। रिचा की दूरदर्शिता और हिम्मत से Zivame न सिर्फ एक सफल व्यवसाय बना, बल्कि महिलाओं के लिए आत्मविश्वास बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम भी साबित हुआ।
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