Love Marriage Ban : आज के जमाने में जहां लड़का-लड़की खुद अपनी पसंद से शादी करते है। लिव इन में रहते है और अगर दोनों में बात बनती तो वह अपनी मर्जी से ही शादी रचाते है। लेकिन अब से लड़का-लड़की अपनी पसंद से प्रेम विवाह नहीं रचा पाएंगे।
पंजाब में ऐसा कानून बना दिया गया है जिससे कि अब कोई भी लड़का या लड़की अपनी पसंद से शादी (Love Marriage Ban) नहीं कर पाएंगे। साथ ही प्रेम विवाह के खिलाफ भी यहाँ सख्त कानून बना दिया गया है।
पंजाब में प्रेम विवाह पर लगी पाबंदी
दरअसल, पंजाब की कुछ ग्राम पंचायतें प्रेम विवाह का कड़ा विरोध कर रही है। खासकर अगर प्रेमी जोड़ा एक ही गाँव का हो तो वह इसे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं कर रही है। पंचायतों का कहना है कि अगर कोई प्रेम विवाह करता है, तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। पंचायतें इस फैसले के पीछे हिंसक विवाद, पारिवारिक कलह और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने को कारण मानती है।
फरीदकोट, मोहाली और मोगा में जारी हुआ फरमान

दरअसल पंजाब के फरीदकोट, मोहाली और मोगा ज़िलों की कई ग्राम पंचायतों ने प्रेम विवाह पर रोक लगा दी है। पंचायतों द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि अगर कोई उनके फैसले का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 31 जुलाई को पंचायत ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।
अगर गाँव या आसपास के इलाके में कोई भी प्रेमी जोड़ा परिवार या समाज की मंज़ूरी के बिना प्रेम विवाह करता है तो उसे गांव में रहने नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं, पंचायत ने यह भी आदेश दिया है कि ऐसे जोड़ों का समर्थन या आश्रय देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब में क्यों उठाया गया ये कदम?

इस प्रस्ताव पर बोलते हुए, गांव के सरपंच दलवीर सिंह ने कहा, “यह कोई सज़ा नहीं है, बल्कि हमारी परंपराओं और मूल्यों की रक्षा के लिए एक एहतियाती उपाय है।” उन्होंने बताया कि यह कदम हाल ही में हुई एक घटना के बाद उठाया गया है जिसमें 26 वर्षीय दविंदर ने पिछले हफ़्ते अपनी 24 वर्षीय भतीजी बेबी से शादी कर ली। सरपंच का कहना है कि यह जोड़ा अब गांव छोड़ चुका है लेकिन इसका असर यहाँ रहने वाले 2,000 ग्रामीणों पर पड़ रहा है।
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एक ही गांव में प्रेम विवाह को लेकर लोगों की राय
ग्राम पंचायत ने आसपास के गांवों से भी इसी नियम का पालन करने की अपील की है। सरपंचों ने पंजाब सरकार से इस प्रस्ताव को पूरे राज्य में लागू करने की मांग की है और पंजाब विधानसभा में इस मुद्दे पर विचार करने की भी अपील की है।
राजिंदरा कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. सीमा गुप्ता कहती हैं कि अपने ही गांव में शादी करने के कई नुकसान हैं। इससे आनुवंशिक समस्याएं बढ़ सकती है और पास-पास रहने से एक-दूसरे के घर में दखलअंदाज़ी भी बढ़ेगी। जिससे रिश्तों में खटास आने की संभावना बढ़ जाती है।
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