Medha Rupam Secured 10Th Rank In Upsc, Her Father And Husband Are Also Ias Officers

Medha Rupam: वायरल हो रही इस महिला DM की तस्वीर ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। न केवल उनकी शख्सियत और प्रतिभा ने लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि उनका पारिवारिक बैकग्राउंड भी चर्चा का विषय बना हुआ है। एक तरफ जहां उनके पिता और पति दोनों ही प्रतिष्ठित IAS अफसर हैं, वहीं उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) से पूरी की है। उनकी शानदार उपलब्धियों और अनोखी जीवन यात्रा ने उन्हें और भी आकर्षक बना दिया है।

Medha Rupam पर बचपन से था जुनून सवार 

महिला Dm ने Upsc में 10वीं रैंक हासिल की, बचपन से ही थी पढ़ाई की लगन, पिता और पति भी हैं आईएस ऑफिसर

मेधा रूपम (Medha Rupam), वर्ष 2014 कैडर की एक होनहार IAS अधिकारी, का जन्म उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था, लेकिन उनकी जीवन यात्रा का अधिकांश हिस्सा केरल में बीता। उनके पिता, ज्ञानेश कुमार गुप्ता, जो केरल कैडर के IAS अधिकारी थे, की तैनाती के कारण मेधा की प्रारंभिक शिक्षा एर्नाकुलम के नेवल पब्लिक स्कूल में हुई, जहां उन्होंने 8वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने तिरुवनंतपुरम के सेंट थॉमस स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की।

मेधा रूपम (Medha Rupam) की पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि रही। 2008 में, 12वीं कक्षा के दौरान, उन्होंने शूटिंग में अपनी यात्रा शुरू की, जो उनके व्यक्तित्व का एक और अनूठा पहलू है। इसके बाद, उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई पूरी की, जो उनके शैक्षिक जीवन का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ। उनकी यह विविध पृष्ठभूमि और कड़ी मेहनत ने उन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।

शूटिंग करके बनाया नाम

मेधा रूपम (Medha Rupam), न केवल प्रशासनिक सेवाओं में अपनी पहचान बनाने वाली एक सशक्त IAS अधिकारी हैं, बल्कि उन्होंने खेल के क्षेत्र में भी अद्वितीय सफलता हासिल की है। 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में उन्होंने हिस्सा लेना शुरू किया और धीरे-धीरे एक कुशल शूटिंग प्लेयर के रूप में उभरकर सामने आईं। मेधा ने केरल की स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्सा लेकर तीन गोल्ड मेडल अपने नाम किए।

हालांकि, उनकी शूटिंग की सफलता ने उन्हें नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया, लेकिन उनके पिता, ज्ञानेश कुमार गुप्ता, जो खुद एक IAS अधिकारी थे, ने उन्हें प्रशासनिक सेवा में आने के लिए प्रेरित किया। पिता के मार्गदर्शन और अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ, मेधा रूपम ने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी। उनकी मेहनत और समर्पण ने जल्द ही परिणाम दिखाया, जब उन्होंने 2014 की UPSC परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 10वीं रैंक हासिल की और IAS अधिकारी बनीं।

Medha Rupam के पति भी है आईएस ऑफिसर

सिर्फ मेधा (Medha Rupam) ही नहीं, उनके पति मनीष बंसल भी एक IAS अधिकारी हैं। मनीष भी 2014 बैच के IAS अधिकारी हैं, और वर्तमान में उत्तर प्रदेश में तैनात हैं। मेधा रूपम और मनीष बंसल, दोनों की यह प्रशासनिक यात्रा न केवल व्यक्तिगत, बल्कि राष्ट्रीय सेवा के लिए भी समर्पण का प्रतीक है। मेधा का यह प्रेरणादायक सफर हर उस युवा के लिए एक आदर्श है, जो बड़े सपने देखता है और उन्हें साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करता है।

अब सिर्फ ₹25 प्रति लीटर में दौड़ेगी कार, सरकार के ऐलान से जनता में खुशी की लहर!