Fake Mgnrega

Fake MGNREGA: बेरोजगार व्यक्ति को चाहिए कि उसे कहीं से भी पैसे कमाने का जुगाड़ मिल जाए। ऐसे में वह किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है। अब एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पर मनरेगा में पुरुषों में महिलाओं का वेश धारण करके पैसे कमाने का जुगाड़ बनाया है। ये हैरान कर देने वाला फर्जी मनरेगा (Fake MGNREGA) का मामला कर्नाटक के यादगिरी जिले का है।

 कर्नाटक में पुरुष महिलाओं के वेश में कर रहे काम

Fake Mgnrega

कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ‘MUDA’ घोटाले में फंसे हैं। इस बीच महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) में भी घोटाले का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने धन की हेराफेरी करने के लिए साड़ी पहनकर फोटो खिंचवाई और फिर MGNREGA (Fake MGNREGA) योजना के तहत मजदूरी के नाम पर 3 लाख रुपये हड़प लिए। कई लोगों ने साड़ी पहनी, सिर ढका और महिलाओं का वेश धारण कर सरकारी योजना को चूना लगाया और 3 लाख रुपये का लाभ उठाया। यह घटना कर्नाटक के यादगीर जिले में हुई।

पुरुषों ने महिलाओं की साड़ी पहन छीन लिया उनका हक़

Fake Mgnrega

कर्नाटक में पुरुषों ने महिलाओं के वेश में फोटो खिंचवाई और बाद में इन तस्वीरों को नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सर्विस (NMMS) – एक उपस्थिति लॉगिंग सिस्टम पर अपलोड कर दिया। ताकि यह झूठा दर्शाया जा सके कि महिला श्रमिक इस योजना में भाग ले रही हैं।
दरअसल यह मामला (Fake MGNREGA) तब सामने आया जब इस साल फरवरी में कथित तौर पर नेशनल मोबाइल सर्विलांस सर्विस (NMMS) पर उपस्थिति के लिए एक फोटो अपलोड की गई। जिसमें कुछ पुरुष और महिला मजदूर नहर खुदाई स्थल के पास खड़े दिखाई दे रहे थे। फोटो को जूम करने पर सच्चाई सामने आई। जिसमें पुरुष महिलाओं की साड़ी और घूंघट पहने हुए थे।

अधिकारियों पर आई फर्जीवाड़े की आंच

Fake Mgnrega

इस घटना से जुड़े अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं। मामले (Fake MGNREGA) की जांच के सख्त आदेश दिए गए हैं। वहीं स्थानीय ग्राम पंचायत ने घोटाले की कोई जानकारी होने से इनकार किया है। खुद को अलग करते हुए कहा कि इस घटना में कुछ आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। मल्हार गांव की पंचायत ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। इस घटना से जुड़े अधिकारियों की काफी फजीहत हुई और मामले की जांच के आदेश दिए गए।

ग्राम पंचायत ने इस फर्जीवाड़े से झाड़ा पल्ला

Fake Mgnrega

स्थानीय ग्राम पंचायत ने घोटाले की कोई जानकारी होने से इनकार किया। संबंधित अधिकारियों का बचाव करते हुए आरोप लगाया कि इस घटना में कुछ आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हैं। मल्हार गांव के पंचायत विकास अधिकारी चेन्नाबसवा ने कहा इस मामले (Fake MGNREGA) में मेरी कोई भूमिका नहीं है। आउटसोर्स कर्मचारी ने यह काम किया। मुझे पूरे घोटाले की जानकारी नहीं थी। जब यह मामला मेरे संज्ञान (Fake MGNREGA) में आया तो मैंने कर्मचारी को निलंबित कर दिया। अब गांव में मनरेगा का काम सुचारू रूप से चल रहा है।

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