Pregnant Girls : आज के दौर में भी आपने विभागीय लापरवाही की कई कहानियां सुनी होंगी। हालांकि सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि किसी भी विभाग में चयनित कर्मचारी, जिन्हें योग्य और प्रशिक्षित माना जाता है, उनसे कोई गलती कैसे हो सकती है। ऐसा ही कुछ वाराणसी के रमना गांव में रहने वाली किशोरियों के साथ हुआ।
दिवाली के दिन ग्राम पंचायत की करीब 40 लड़कियों (Pregnant Girls) को बाल विकास मंत्रालय की तरफ से आए इस मैसेज ने गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की अनियमितताओं को उजागर कर दिया। यानी इन 40 अविवाहित लड़कियों के साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे मामला बढ़ गया।
यूपी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से हुई बड़ी गलती
दरअसल दिवाली के दौरान रमना गांव कि 35 से ज्यादा किशोरियों के मोबाइल पर एक मैसेज पहुंचा। जिसमें उन्हें गर्भवती महिला के तौर पर दर्ज किया गया था। हालांकि इस मामले में शिकायत से पहले ही विभाग ने डाटा डिलीट कर जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस भेज दिया है। रेखा, अनीता, राखी, ज्योति, वर्षा, अंजलि, निकिता, मोहिनी और नेहा समेत अन्य लड़कियों (Pregnant Girls) ने बताया कि जब उन्हें मैसेज मिला तो उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से इस बारे में पूछा कि ऐसा मैसेज क्यों आया है। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कोई जवाब नहीं दिया।
मोबाइल से बिगड़ा खेल
वाराणसी के रमना गांव से सूचना मिली थी जहां कुछ किशोरियों को गर्भवती महिला (Pregnant Girls) के तौर पर पंजीकृत किया गया था। उन्हें दिवाली से पहले मोबाइल मैसेज के जरिए यह जानकारी मिली थी। जब विभाग ने इस मामले की जांच की तो पता चला की गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार देने वाली आंगनबाड़ी महिला बीएलओ का भी काम करती है। एक योजना के तहत आंगनबाड़ी महिलाएं घर-घर जाकर ग्रामीण परिवार के सदस्यों का आधार कार्ड और फॉर्म जमा कर रही थीं।
विभाग की बड़ी गलती हुई उजागर
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वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि फॉर्म जमा करते समय आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने गलती से आधार नंबर समेत दोनों फॉर्म को मिला दिया और इसके बाद एक ही आधार नंबर पर पंजीकरण हो गया, जिसके बाद किशोरियों (Pregnant Girls) को यह मैसेज मिला। लेकिन इस मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए शिकायत से पहले ही डेटा डिलीट कर दिया गया।
यह मानवीय भूल है और इस मामले में जिम्मेदार लोगों को नोटिस भी जारी किया गया है। बताया गया है कि पिछले छह माह से गांव की करीब 40 बालिकाओं का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में पंजीकरण कराकर राशन घोटाला कर रही है।
विकास अधिकारी ने संबंधित व्यक्ति को भेजा नोटिस
आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर पर मैसेज आने से इसकी सूचना मिली। ग्राम प्रधान ने जांच कर कार्रवाई की मांग की है। सीडीओ हिमांशु ने खुद गलती स्वीकार की है। उनका कहना है कि अब तक की जांच में पता चला है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री बीएलओ का भी काम करती है। वह गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को पुष्टाहार बांटने के साथ बीएलओ का भी काम करती है।
गलती से बालिकाओं के नाम पोर्टल पर अपलोड हो गए। आंगनबाड़ी महिला को जैसे ही पता चला तो उसने बालिकाओं (Pregnant Girls) का डाटा डिलीट कर दिया। आगे की जांच चल रही है। दोषियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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