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Muslim Family : हर साल लाखों छात्र यूपीएससी परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं। इस परीक्षा के तीन कठिन चरणों को पास करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन एक लड़की है जिसने यह कर दिखाया और साबित कर दिया कि लगन, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।

लेकिन एक मुस्लिम फैमिली (Muslim Family) है जिसने एक दो नहीं बल्कि कई सफलता की कहानी लिखी है।

राजस्थान की Muslim Family जहां है कई अफसर

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राजस्थान के झुंझुनू में रहने वाली मुस्लिम फैमिली (Muslim Family) में पली-बढ़ी फराह हुसैन ना सिर्फ अपनी खूबसूरती से बल्कि अपनी बुद्धिमत्ता से भी पहचानी जाती है। फराह की कहानी यहीं खत्म नहीं होती। वह एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जो वाकई “ड्रीम ऑफिसर फैमिली” है।

उनके घर में 3 आईएएस, 1 आईपीएस और 5 आरएएस अधिकारी हैं। यानी कुल 9 सदस्य उच्च पदों पर कार्यरत हैं। इससे पता चलता है कि उनका पूरा परिवार सेवा, समर्पण और संघर्ष का दूसरा नाम है।

फराह हुसैन ने 26 की उम्र में पाई सफलता

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फराह हुसैन राजस्थान के झुंझुनू की रहने वाली हैं। वह 26 साल की उम्र में आईआरएस अधिकारी बन गई थीं। इससे पहले उन्होंने कुछ समय तक वकालत भी की थी। उनके परिवार की जड़ें सिविल सेवा (UPSC Success Story) से जुड़ी हैं। उनके पिता, चाचा और चचेरे भाई सरकारी नौकरियों में ऊंचे पदों पर हैं (IAS Family)।

फराह हुसैन को भी सरकारी अधिकारी बनने की प्रेरणा उन्हीं लोगों से मिली। वह अपने परिवार में पहली महिला आईआरएस अधिकारी हैं। कई रिपोर्ट्स में उन्हें आईएएस अधिकारी बताया जा रहा है।

मुंबई से लॉ भी कर चुकी है फराह

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फराह हुसैन ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सोफिया स्कूल, जोधपुर से पूरी की। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई में एडमिशन लिया। वहां से उन्होंने 5 साल का इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स किया और एलएलबी की डिग्री हासिल की। ​​अपनी पढ़ाई के दौरान वह अपने बैच की एकमात्र छात्रा थीं।

पिता कलेक्टर तो चाचा रहे है आईपीएस, आईएएस

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मुस्लिम परिवार (Muslim Family) में जन्मी फराह के पिता अशफाक हुसैन राजस्थान में जिला कलेक्टर रह चुके हैं। वे पहले आरएएस में अधिकारी थे, बाद में आईएएस में पदोन्नत हुए। फरहा के चाचा लियाकत खान आईपीएस थे और जाकिर खान आईएएस अधिकारी हैं।

उनके दो चचेरे भाई आरएएस अधिकारी हैं और परिवार के कई अन्य सदस्य भी सिविल सेवा और भारतीय सेना में उच्च पदों पर हैं। फरहा के पति कमर उल जमान चौधरी राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

आईएएस नहीं बल्कि डॉक्टर बनना चाहती थी फराह

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फराह खान बचपन से वकील या सिविल सेवक नहीं बनना चाहती थीं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि एमबीबीएस और ब्यूटी कॉन्टेस्ट करने के बाद उनकी डॉक्टर बनने की इच्छा थी। लेकिन उनके परिवार ने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया।

आईएएस अधिकारी बनकर फरहा हुसैन ने न केवल अपने परिवार को गौरवान्वित किया है, बल्कि महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए ताकत का प्रतीक भी बन गई हैं।

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