Punganur Cow : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पशु प्रेम और गौ-प्रेम किसी से छिपा नहीं है. प्रधानमंत्री आवास पर बेहद छोटी नस्ल यानि पुंगनूर नस्ल की गाय (Punganur Cow) पाली हुई है. इस गाय ने एक बछड़े को जन्म दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो अपने घर में एक गाय के बच्चे के साथ दिख रहे हैं. वीडियो में मोदी गाय के साथी को दुलार करते दिख रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी कि उनके आवास में गाय के घर का आगमन हुआ है. उन्होंने इस गाय का नाम दीपज्योति रखा है.
पीएम नरेन्द्र मोदी के घर जन्मी पुंगनूर गाय
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उन्होंने लिखा, ‘हमारे शास्त्रों में कहा गया है- गाव: सर्वसुख प्रदा:, लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास परिवार में एक नए सदस्य का शुभ आगमन हुआ है.’ प्रधानमंत्री आवास में प्रिय गौ माता ने एक नव वत्स को जन्म दिया है, जिसमें मस्तक पर ज्योति का चिन्ह है. इसलिए, मैंने इसका नाम ‘दीपज्योति’ रखा है. वह कुत्ते के आकार की एक छोटी सी गाय (Punganur Cow) सिर्फ पांच किलो घास खाकर आपको प्रतिदिन 3 लीटर दूध दे सकती है जो आपके घर की जरूरत के लिए पर्याप्त है.
बेहद कीमती होती है छोटी सी ये गाय
पुंगनूर गाय की यह नस्ल दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में विकसित की गई है जो दुनिया की सबसे छोटी गाय है. दुनिया की सबसे छोटी गाय पुंगनूर हो ने के नाते आंध्र प्रदेश में बड़े पैमाने पर पुंगनूर गाय (Punganur Cow) की नस्ल में सुधार किया जा रहा है. पुंगनूर गाय कि आम तौर पर 3 से 5 फीट के बीच स्थित है जबकि मिनिमम पुंगनूर की हाइट्स 3 से 5 फीट तक है. नस्ल सुधार के बाद तैयार की गई इस नस्ल को विकसित किया गया है. कृष्णम आदिवासी एक पशु प्रेमी हैं और पुंगनूर गाय को देश के अलग-अलग इलाकों के लोगों तक पहुंचा रहे हैं. दुनिया की सबसे छोटी गाय पुंगनूर (Punganur Cow) जब पैदा होती है तो उसकी हाइट 16 से 22 इंच तक ही होती है.
महज 3 से 5 फीट की होती है ये गायें
मिनिएचर पुंगनूर (Punganur Cow) की नस्ल को इस तरह विकसित किया गया है कि उसका आकार 7 इंच से 12 इंच तक होता है. पुंगनूर गाय की 112 साल पुरानी ब्रीड है जबकि मिनिएचर पुंगनूर को साल 2019 में डिवेलप किया गया है. असली पुंगनूर वैदिक काल में विशिष्ट और विश्वामित्र ऋषि के समय में पैदा हुए थे. जलवायु परिवर्तन और स्थान परिवर्तन के साथ-साथ पुंगनूर गाय (Punganur Cow) की जड़ें भी बढ़ीं. पहले पुंगनूर की प्रभुत्व से 3 फीट तक की थी जिसे ब्रह्मा नस्ल कहते हैं. दार्शनिकों ने कहा कि अभी पूरे देश में केवल 32 नस्लें ही बची हैं. जबकि प्राचीन काल में 302 नस्लें गाय होती थीं.
इनके दूध, दही में मिलता है औषधीय गुण
उत्तर प्रदेश के पशुपालक को यह दो फीट का गाय लखपति बनाया जा सकता है. पुंगनूर गाय के दूध से तैयार घी बेहद कीमती बिकता है. बाजार में इस घी की कीमत 50 हजार रुपए प्रति किलो है. वहीं पुंगनूर गाय (Punganur Cow) के दूध की कीमत कि बात करें तो यह 1000 रुपए प्रति लीटर बिकता है. इसके दूध से तैयार छाछ और दही भी मंहगे बिकते है. कहा जाता है कि इस गाय के दूध में कई औषधीय गुण होते हैं. जिससे हर रोग खत्म करने में मदद मिलती है. पुंगनूर गाय (Punganur Cow) एक बार में 3 किलो तक दूध दे सकती हैं. जो एक परिवार के लिए काफी होता है.
आंध्रप्रदेश में एक बार फिर बढ़ाई गई हैं इनकी नस्लें
पुंगनूर गायें (Punganur Cow) सामान्य गायों की तुलना में बहुत छोटी होती हैं. यह एक दुर्लभ आर्किटेक्चर वाली गाय है. इसका नाम आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के शहर पुंगनूर पर रखा गया है. पुंगनूर गाय सफेद और हल्के भूरे रंग की होती है. इसके सींग काफी आकर्षक और छोटे-छोटे होते हैं. पुंगनूर गाय (Punganur Cow) का औसत वजन 105 से 200 किलो तक होता है.
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