Sir Ganga Ram : भारत और पाकिस्तान को बंटे काफी साल हो गए है। लेकिन कुछ यादें आज भी दोनों देशों से जुड़ी हुई है। आजादी से पहले दोनों देश एक ही थे और यहाँ के लोग आपस में मिल-जुलकर रहते थे। ऐसे में कुछ आजादी से पहले के लोग ऐसे हैं जिन्हें आज भी लोग दोनों तरफ याद ही करते है। ऐसे में एक नाम है सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) का जो आज भी पाकिस्तान और हिन्दुस्तान में बड़े अदब से लिया जाता है।
लाहौर के निर्माता रहे थे सर गंगा राम

सर गंगा राम भारत में एक प्रतिष्ठित नाम है। हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) का नाता लाहौर से भी रहा है’। सिविल इंजीनियर और समाजसेवी सर गंगा राम ने खुद कईं अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण किया था। लाहौर के विकास में उनके योगदान के कारण उन्हें “लाहौर का निर्माता” कहा जाता है। उ
नकी विरासत अभी भी जीवित है और हाल ही में पाकिस्तान सरकार ने उनके पुश्तैनी घर का जीर्णोद्धार किया है। बंटवारे से पहले सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) का घर पाकिस्तान के लाहौर शहर में था। बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया।
लाहौर की कई इमारतों का किया निर्माण

सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) का निधन 1927 में हुआ। उन्होंने लाहौर संग्रहालय, द एचिसन कॉलेज, द मेयो स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुख्य डाकघर, मेयो अस्पताल के अल्बर्ट विक्टर विंग और गवर्नमेंट कॉलेज की केमिकल प्रयोगशाला जैसी इमारतों का ना केवल डिजाइन बल्कि निर्माण भी किया।
उन्होंने (Sir Ganga Ram) पश्चिमी तकनीक और भारतीय स्थापत्य शैली के संयोजन से पंजाब की जलवायु के अनुकूल इमारतें बनाईं। ये इमारतें गर्मी और सर्दी दोनों से बचाती थीं। स्वच्छ हवा उपलब्ध थी। लाहौर में सर गंगा राम निःशुल्क अस्पताल एवं औषधालय की स्थापना की गई। जो बाद में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल के रूप में विकसित हुआ।
जानिए कौन थे सर गंगा राम?

गंगा राम (Sir Ganga Ram) अनुशासनप्रिय होने के साथ-साथ बहुत दयालु व्यक्ति थे। उन्होंने वास्तुकला, इंजीनियरिंग, कृषि और महिलाओं के अधिकारों के लिए बहुत कुछ किया। उन्होंने विधवाओं की स्थिति सुधारने के लिए भी विशेष रूप से काम किया। उनका जन्म 1851 में लाहौर से लगभग 64 किलोमीटर दूर मंगतावाला गांव में हुआ था।
उनके पिता दौलत राम भारत के उत्तर प्रदेश से वहां आए थे। उन्होंने पुलिस विभाग में जूनियर पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर काम किया। रुड़की से इंजीनियरिंग की पढ़ाई स्कूल के बाद गंगा राम कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज चले गए।
इंजिनियर बन गंगा राम ने किया नया निर्माण

गंगा राम (Sir Ganga Ram) ने थॉमसन इंजीनियरिंग कॉलेज, रुड़की, उत्तराखंड में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति मिली। उन्हें उन दिनों 50 रुपये की छात्रवृत्ति मिलती थी, जिसका आधा हिस्सा वे अमृतसर में अपने माता-पिता को भेजते थे। उन्होंने अच्छे अंकों के साथ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। फिर वह लाहौर के चीफ इंजीनियर राय बहादुर कन्हैया लाल के कार्यालय में प्रशिक्षु के रूप में काम करने लगे।
वे अपने काम में आगे बढ़ते रहे। जल्द ही वह (Sir Ganga Ram) लाहौर के शीर्ष सिविल इंजीनियर बन गए। ऐसा माना जाता है कि आज लाहौर जो भी दिखता है, उसमें काफी हद तक उन्हीं का योगदान है।
लाहौर के घर का पुर्ननिर्माण करवा रहा पाकिस्तान

हाल ही में मशहूर लेखक हारून रशीद ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी शेयर की कि पाकिस्तान के लाहौर में सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) के पुश्तैनी घर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इसके साथ चार तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें इस ऐतिहासिक इमारत को फिर से अपने पुराने स्वरूप में देखा जा सकता है।
बंटवारे के बाद यह घर उपेक्षित हो गया था और समय के साथ खंडहर में तब्दील हो गया था। अब इसे उसके पुराने स्वरूप में बहाल किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक जीर्णोद्धार सर गंगा राम (Sir Ganga Ram) की विरासत और उनके परिवार की यादों को फिर से ताजा कर रहा है।
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