Ajmer Dargah

Ajmer Dargah : देश में मस्जिदों पर मंदिर के दावों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मस्जिद के सर्वे के दौरान संभल में हुई हिंसा की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है और अब दावा किया गया है कि अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) में शिव मंदिर है। दरअसल यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है। जिसे कोर्ट ने स्वीकार भी कर लिया। उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित जामा मस्जिद के बाद अब दावा किया जा रहा है कि अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) में मंदिर है।

Ajmer Dargah में शिव मंदिर होने का दावा

Ajmer Dargah

दरअसल, अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह (Ajmer Dargah) पर सालाना उर्स शुरू होने से पहले नया विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेवा का दावा है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में एक प्राचीन शिव मंदिर है। इस दावे के समर्थन में 1911 में प्रकाशित हरविलास शारदा की किताब – अजमेर : ऐतिहासिक और वर्णनात्मक को अजमेर कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश किया गया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। इस संबंध में हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से अजमेर न्यायालय में याचिका दायर की गई है।

कोर्ट ने स्वीकार की विष्णु गुप्ता की याचिका

Ajmer Dargah

विष्णु गुप्ता ने याचिका के साथ विशेष साक्ष्य प्रस्तुत कर पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराने और हिंदू धार्मिक स्थल पर पूजा-अर्चना की अनुमति मांगी है। न्यायालय इस मामले में आज सुनवाई करेगा। अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) में शिव मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से अजमेर न्यायालय में दायर याचिका पर आज सुनवाई होगी।

दरगाह (Ajmer Dargah) में शिव मंदिर होने के दावे से जुड़े इस मामले में परिवादी विष्णु गुप्ता की ओर से संशोधित वाद प्रस्तुत किया जा रहा है। इसके बाद न्यायालय मामले की सुनवाई करेगा। इसके बाद ही तय होगा कि विष्णु गुप्ता की याचिका आगे सुनवाई के लायक है या नहीं।

विष्णु गुप्ता ने कोर्ट के सामने पेश किए साक्ष्य

Ajmer Dargah

हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने न्यायालय में ऐतिहासिक दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। इस स्थान को हिंदू संकट मोचन मंदिर बताया गया है। इसके अलावा गुप्ता ने कोर्ट में कई अन्य दस्तावेज भी पेश किए और मांग की . अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) का सर्वेक्षण किया जाए और इसकी मान्यता रद्द की जाए। और साथ ही में हिंदू समाज को यहां पूजा-अर्चना का अधिकार दिया जाए। कल कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था तथा कहा था कि इस पर आज फैसला सुनाया जाएगा। इस मामले में अब अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

मोईनुद्दीन चिश्ती ने वंशजों ने लगाई सरकार से गुहार

इसके बाद मुस्लिम समुदाय की ओर से टिप्पणियां आनी शुरू हो गई हैं। अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष एवं ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वंशज सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। इससे पहले हिंदू सेना की ओर से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका पेश की गई थी। हालांकि न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने अजमेर दरगाह (Ajmer Dargah) मामले को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बताते हुए सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद जिला न्यायालय में याचिका पेश की गई।

यह भी पढ़ें : बुढ़ापे में भी नहीं थम रहे सलीम ख़ान! अचानक चौथे बेटे का हुआ जन्म

"