Boy: अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के डॉक्टर भी इस घटना से हैरान हैं. सर्जरी के दौरान, सात साल के बच्चे (Boy) शुभम के पेट से बालों का एक बड़ा गुच्छा और जूते का फीता निकाला गया. डॉ. राकेश जोशी के नेतृत्व में किए गए इस ऑपरेशन से बच्चे की जान बच गई. इससे पहले उसके माता-पिता उसे मध्य प्रदेश के एक निजी अस्पताल में ले गए थे, लेकिन वहां भी उसे कोई राहत नहीं मिली. इसी बीच चलिए आगे जानते हैं क्या है पूरा मामला?
Boy की हालत गंभीर
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खबरों के मुताबिक, शुभम को पिछले कुछ समय से लगातार पेट दर्द की शिकायत थी. शुरुआत में बच्चे (Boy) के परिवार वालों को लगा कि यह पेट की कोई मामूली समस्या है. जब हालत बिगड़ गई और बच्चे को उल्टी और भूख न लगने की समस्या होने लगी, तो वे उसे अस्पताल ले गए. डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि बच्चे की जांच के दौरान पता चला कि उसके पेट में असामान्य वस्तुएं मौजूद थीं.
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मनोचिकित्सक से भी मिली मदद
ऑपरेशन के बाद, शुभम को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए एक मनोचिकित्सक से भी परामर्श लिया गया. डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी परिस्थितियों में बच्चे (Boy) की मानसिक स्थिति को समझना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि बच्चे कई बार जानबूझकर या अनजाने में ऐसा व्यवहार कर बैठते हैं. डॉ. राकेश जोशी के अनुसार, शुभम को ट्राइकोबेज़ोअर नामक एक दुर्लभ बीमारी थी. यह तब होती है जब बच्चा लगातार अपने ही बाल निगलता रहता है, जो पेट में जमा होकर बड़े गुच्छों का रूप ले लेते हैं. कभी-कभी इसमें कपड़ों की अन्य छोटी वस्तुएं या जूते के फीते जैसी चीजें भी शामिल होती हैं.
बीमारी का नाम और कारण

ट्राइकोबेज़ोअर्स आमतौर पर मानसिक तनाव, चिंता या बच्चे (Boy) की किसी आदत के कारण होते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में सिर्फ़ शारीरिक उपचार ही काफ़ी नहीं है, बल्कि मनोवैज्ञानिक सहायता भी ज़रूरी है. डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि ऑपरेशन सफल रहा और शुभम की हालत अब स्थिर है. बच्चे को कुछ दिनों तक अस्पताल में निगरानी में रखा जाएगा और उसके परिवार को घर पर उसकी विशेष देखभाल करने के निर्देश दिए गए हैं.
अस्पताल प्रशासन ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाएं दुर्लभ हैं, लेकिन बच्चों और अभिभावकों को यह चेतावनी देना महत्वपूर्ण है कि वे किसी भी असामान्य व्यवहार या पेट दर्द की गंभीरता को नजरअंदाज न करें।