Sindh State

Sindh State : पाकिस्तान को भारत से अलग हुए काफी साल हो आगे हैं। आजादी से पहले भारत का अभिन्न अंग रहा पाकिस्तान देश कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति को ही ढाल बनाकर दुनिया के नक्शे में बना हुआ हैं। हालांकि इसने अपनी नई पहचान बनाने के लिए खुद को मुस्लिम देश घोषित किया हुआ है लेकिन यहाँ पर इतने सालों बाद भी हिन्दुओं और भारतीय संस्कृति का दबदबा कायम हैं।

आज हम पाकिस्तान के उसी इलाके कि जानकरी आपको देने जा रहे हैं जहां (Sindh State) आज भी भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाज कायम हैं। और वहां के लोग भारतीय संस्कृति को ही अपनाते हैं, मानते हैं और उसी के अनुसार जीवन शैली अपनाते हैं।

पाकिस्तान में इस जगह पर रहते हैं ज्यादातर हिंदू

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पाकिस्तान देश के सिंध राज्य (Sindh State) में हिन्दूओं का बाहुल्य काफी ज्यादा हैं। जहां पाकिस्तान में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं, वहीं सिंध में हिन्दूओं कि बहुतायत हैं। पाकिस्तान में लगभग 4 मिलियन हिंदू रहते हैं, जो देश की आबादी का लगभग 1.9% है, और सिर्फ 1.4 मिलियन हिंदू सिंध में रहते हैं। पाकिस्तान के सिंध राज्य (Sindh State) में हिंदू पूजा पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन हिंदुओं का कहना है कि खुले तौर पर धर्म का पालन करना आम बात नहीं है। बहुसंख्यक हिंदू भारत और मुख्य रूप से मुस्लिम पाकिस्तान के बीच दशकों से चली आ रही राजनीतिक दुश्मनी अल्पसंख्यक समुदाय के लिए एक चुनौती है।

सिंध में हिन्दूओं की 95 फीसदी आबादी

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सिंध राज्य (Sindh State) में कई लोग हिंदुओं को भारत के लोगों के बराबर मानते हैं। बता दें 95 प्रतिशत हिंदू दक्षिणी प्रांत सिंध में रहते हैं। पाकिस्तान में हिंदू ज्यादातर गरीब हैं और देश की विधायी प्रणाली में उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम है। पाकिस्तान की अधिकांश हिंदू आबादी सिंध प्रांत में केंद्रित है। जहाँ वे मुस्लिम निवासियों के साथ संस्कृति, परंपरा और भाषा साझा करते हैं। लेकिन पाकिस्तान और विशेष रूप से सिंध के क्षेत्र में उनका निशान बना हुआ है। यहाँ मंदिर तो हैं, हालाँकि उनकी संख्या में तेजी से गिरावट आई है।

सिंध में हिन्दूओं के मंदिर और भारतीय शैली स्थापित

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यहां (Sindh State) हिंदुओं द्वारा संचालित व्यवसाय और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा संस्थान हैं। जिनमें से कई 1947 में देश के निर्माण से पहले स्थापित किए गए थे। वे पाकिस्तान की विरासत का हिस्सा हैं। भले ही हिंदुओं को छाया में रहने के लिए मजबूर किया गया हो। स्थानीय राजनेता और पाकिस्तान हिंदू मंदिर प्रबंधन समिति के महासचिव दीवान चंद चावला ने मंदिर की उत्पत्ति और विशेषताओं के बारे में गर्व से बात की हैं।

चावला ने मुस्लिम बहुसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों पर जोर देते हुए कहा, “पाकिस्तान बनने के बाद हिंदू आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारत चला गया, लेकिन जो लोग यहां रह गए वे खुश और समृद्ध हैं।’

सिंध में हिन्दूओं पर मंडराया हुआ है खतरा

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सिंध राज्य (Sindh State) में हिन्दू समूहों ने लंबे समय से आरोप लगाया है कि पाकिस्तान हिंदुओं की धार्मिक और आस्था की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। वे मंदिरों को अपवित्र करने, व्यवसायों, घरों और व्यक्तियों पर हमले, तथा युवा हिंदू महिलाओं के अपहरण, जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह का हवाला देते हैं। सिंध राज्य में हिन्दूओं कि संख्या होने के बाद भी उन पर खतरा मंडराया रहता है।

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