Tajikistan-Hijab-And-Beard-Banned-For-Muslim

Tajikistan : हाल ही में देश (Tajikistan) में एक महत्वपूर्ण और गैर कानूनी कानून लागू किया गया है जो देश के मुस्लिम समुदाय के बीच व्यापक चर्चा और असंतोष का कारण बन गया है. इस नए कानून के तहत, महिलाओं को सार्वजनिक स्थान पर हिजाब पहनकर कहीं भी प्रवेश की अनुमति नहीं है और पुरुषों को भी अनुमति नहीं दी गई है. इस कानून के उल्लंघन पर भारी जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान है. नए नियमों के अनुसार, महिलाओं को अब हिजाब पहनने कि इजाजत नहीं होगी और पुरुषों को सार्वजनिक स्थान पर दाढ़ी रखना अनिवार्य नहीं होगा.

देश में हिजाब और दाढ़ी रखने पर लगा प्रतिबंध

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यदि कोई व्यक्ति नियम का पालन नहीं करता है, तो उसे भारी जुर्माना और जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है.दरअसल दुनिया में मुस्लिम देश के रूप में पहचाने जाने वाले ताजिकिस्तान (Tajikistan) की सरकार ने कट्टरवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. ताजिकिस्तान की सरकार ने महिलाओं के हिजाब संस्करणों पर प्रतिबंध लगा दिया है. अगर इसके बाद भी महिलाएं हिजाब परिधान पहनती हैं तो उन पर भारी कीमत का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं पुरुषों के लिए दाढ़ी बढ़ाने पर सरकार ने रोक लगा दी है. अगर किसी ने भी ऐसा पालन नहीं किया है तो उसे पुलिस द्वारा दंडित किया जाएगा.

ताजिकिस्तान सरकार ने लगाया दोनों पर प्रतिबंध

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सरकार (Tajikistan) ने बनाया ऐसा कानून कि बच्चों को सार्वजनिक रूप से धार्मिक कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जा सकेगा. अगर किसी बच्चे ने विदेश में भी धार्मिक शिक्षा ली तो उसके माता-पिता को सजा दी जाएगी. इसके अलावा सरकारी मस्जिदों को बंद किया जा रहा है. पिछले 30 वर्षों से ताजिकिस्तान की सत्ता में मुस्लिम बहुल देश ताजिकिस्तान ने अपने पहचान वाले देश के विकास में बाधक है. इसी साल जून में सरकार (Tajikistan) ने यह कानून लागू किया था. मगर अब इस पर अमल शुरू हो गया है. राष्ट्रपति इमाम अली रहमान के नेतृत्व में ताजिकिस्तान सरकार ने धार्मिक कट्टरपंथ पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है.

धार्मिक कट्टरपंथ पर रोक लगाने के लिए बनाया नियम

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रहमान का मानना ​​है कि देश में बढ़ते कट्टरपंथ और चरमपंथ को नियंत्रित करने के लिए इस्लामिक पहचान को सीमित किया जाएगा. ताजिकिस्तान, एक मुस्लिम बहुल देश है जहाँ लगभग 98 प्रतिशत जनसंख्या इस्लाम धर्म कि अनुयायी है. ताजिकिस्तान (Tajikistan) का यह नया कानून अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र में जहां धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर गंभीर चिंता की संभावना है. अफगानिस्तान, चीन, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान के आतंकवादियों ने इस देश पर कब्ज़ा कर लिया, अत्याचार की घटनाओं का कारण अंतर्राष्ट्रीय निगरानी में है.

नियम तोड़ने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना

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मार्च 2024 में मास्को में आतंकवादी हमलों में ताजिक मूल के आतंकवादियों के शामिल होने के बाद, ताजिकिस्तान ने इस्लामिक पहचान पर लगाम लगाने की कोशिश की है. इस नए कानून के लागू होने के बाद ताजिकिस्तान (Tajikistan) में सामाजिक और धार्मिक मशविरा तय हो गया है. और इसके प्रभाव पर भविष्य में बहस जारी हो सकती है. यह कानून देश की सामाजिक स्थिति को बदलने का प्रयास करता है. लेकिन इससे उत्पन्न होने वाले प्रभाव और विवाद से पता चलता है कि यह उपाय वास्तव में सफल होता है या नहीं ये देखने वाली बात होगी.

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