Mukesh Ambani- भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और उसके मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) का नाम तो आपने कई बार सुना ही होगा, लेकिन क्या आप मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के सफर के बारे में जानते हैं। क्या आप जानते हैं कि पिता धीरूभाई अंबानी की मौत के बाद अंबानी (Mukesh Ambani) ने कैसे अपनी कंपनी को दुनिया की सबसे बड़े कंपनियों की फहरिस्त में शामिल कर लिया है और कैसे आज वो विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों के ग्रुप में शामिल हो गए हैं और रोज 163 करोड़ रुपए कमाते हैं, अगर नहीं तो चलिए जानते हैं देश की सबसे अमीर आदमी बनने का सफर…
यमन में जन्में थे Mukesh Ambani

19 अप्रेल 1957 को यमन में जन्में मुकेश (Mukesh Ambani) बचपन से ही अपने पिता धीरूभाई अंबानी को देखते देखते बड़े हुए। धीरुभाई अंबानी की कामयाबी को सबसे करीब से जानने वाले भी मुकेश (Mukesh Ambani) ही थे ऐसे में जब 2002 में धीरूभाई का निधन हो गया, तब मुकेश के पास पिता से ली गई कई सीखें थी जिसके कारण ही आज उन्होंने रिलाइंस इंडस्ट्रीज को बुलंदियों पर खड़ा कर दिया है। आंकड़ों की माने तो इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण $237.45 बिलियन है। और फॉर्बस के अनुसार मुकेश की नेट वर्थ 115 बिलियन डॉलर है।
Mukesh Ambani ने बदला कंपनी का नाम
भले ही रिलायंस की नींव मुकेश अंबानी के पिता धीरूभाई अंबानी ने रखी थी। लेकिन मुकेश (Mukesh Ambani) को बस यू हीं सब कुछ नहीं मिल गया उन्होंने खुद को साबित करने के लिए पिता के साथ साथ ही काम किया। केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई खत्म करने के बाद मुकेश (Mukesh Ambani) ने 1981 में सबसे पहले अपने पिता के साथ मिलकर रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की। इसके साथ ही 1985 में उनके ही सुझाव पर कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर रख दिया गया था।
पिता के मंत्र से हुए कामयाब
6 जुलाई 2002 को पिता धीरूभाई के निधन के बाद मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान संभाल ली थी। हालांकि उस वक्त भी उनके पास इतना पैसा था की कई पुस्तें आराम से खा सकती थी लेकिन मुकेश ने मेहनत कभी नहीं छोड़ी। पिता द्वारा दिया गया एक मंत्र उन्हें हमेशा याद रहा और वो मंत्र था ‘बड़ा सोचो, जल्दी सोचो और आगे की सोचो’, इसी मंत्र पर का करते करते मुकेश (Mukesh Ambani) ने कई विभिन्न क्षेत्रों में अपने बिजनेस को फैलाया जैसे- रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर। इनमें से कई क्षेत्रों में रिलायंस ने इतना बेहतर प्रदर्शन किया की 2002 में जिस कंपनी का मार्केट कैप 75 हजार करोड़ रुपए था वो आज की तारीख में $237.45 बिलियन पर पहुंच गया है।