Encounter Specialist : देश में एक नहीं बल्कि कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं, जिनके नाम से ही आज भी अपराध की दुनिया में खौफ पैदा हो जाता है। इनमें से कुछ के नाम तो आपने भी सुने ही होंगे। पुलिस शब्द सुनते ही अच्छे-अच्छे लोग भी डर जाते हैं। पुलिस समाज और देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए वो सब कुछ करती है जो देश के हित में हो।
पुलिस अपराधियों को उनकी गलतियों कि सजा देती है और कई बार पुलिस को अपराधियों का एनकाउंटर भी करना पड़ता है। हमारे देश में कई ऐसे पुलिस अधिकारी हैं जो एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) के तौर पर मशहूर हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ पुलिसकर्मियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है।
1. राजेश कुमार पांडे
आईपीएस राजेश कुमार पांडे उत्तर प्रदेश में बरेली रेंज के डीआईजी रह चुके हैं। आईपीएस अधिकारी राजेश कुमार पांडे के नाम 50 एनकाउंटर (Encounter Specialist) दर्ज हैं। वह अलीगढ़ के एसएसपी भी रह चुके हैं। प्रयागराज के रहने वाले राजेश कुमार पांडे को अब तक चार वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं। उनके नाम से ही अपराधी काफी डरते थे और घबराते थे। इतना ही नहीं लोगों को, ख़ास करके अपराधियों को उनके नाम से काफी परेशानी होती थी।
2. प्रदीप शर्मा
महाराष्ट्र पुलिस के प्रदीप शर्मा को मुंबई में अपराधी मौत का दूसरा नाम मानते हैं। उनके नाम सैकड़ों एनकाउंटर शामिल हैं। साल 2010 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। दोबारा पुलिस सेवा में आने के बाद उन्होंने कई पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया और उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) बनाया। कुछ समय पहले उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया और शिवसेना में शामिल हो गए।
3. दया नायक
दया नायक 1995 में मुंबई पुलिस में शामिल हुए। इस दशक के अंत तक उन्होंने खुद को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) के रूप में स्थापित कर लिया था। उन्होंने अब तक 80 अपराधियों को मार गिराया है। मुंबई की डिटेक्शन यूनिट का हिस्सा रहीं दया नायक को 2006 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।
लेकिन सीबीआई को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। इसके बाद 2012 में उन्हें फिर से पुलिस में शामिल किया गया और 2014 में उनका तबादला नागपुर कर दिया गया। दया को महाराष्ट्र पुलिस में एक निडर अधिकारी माना जाता है।
4. संजुक्ता पाराशर
इस लेख में एक महिला आईपीएस अधिकारी भी हैं। असम की पहली महिला आईपीएस अधिकारी संजुक्ता पाराशर को असम की आयरन लेडी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) के नाम से जाना जाता है। संजुक्ता को उनके इलाके में आतंकवादियों के लिए मौत का दूसरा नाम कहा जाता है। उन्होंने 15 महीनों में 16 आतंकवादियों को मार गिराया और 64 को जिंदा पकड़ कर यह साबित कर दिया कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक महिला अधिकारी भी अपनी जान जोखिम में डाल सकती है।
5. प्रफुल्ल भोंसले
मुंबई क्राइम ब्रांच के एक बहादुर अधिकारी प्रफुल भोंसले 1987 से पुलिस में हैं। उन्हें उनकी जांच और अपराधियों के साथ मुठभेड़ के लिए एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट (Encounter Specialist) के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अब तक 85 कुख्यात अपराधियों को मार गिराया है। वह बहुत मृदुभाषी हैं लेकिन अपराधियों से जानकारी निकालने में बहुत सख्त माने जाते हैं। हालाँकि उनकी आधिकारिक हत्याओं की संख्या हमेशा एक रहस्य रही है, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपने करियर के दौरान 90 अपराधियों को गोली मार दी थी।
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