इस समय पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। अभी तक कोरोना का प्रकोप ख़त्म नहीं हुआ है। वहीं दुनिया में एक और आगामी खतरा मंडरा रहा है। जी हाँ, दुनिया भर के नेताओं को संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बेस्ली ने आगामी खतरे को लेकर चेताया है। उनका कहना है कि 2020 की तुलना में 2021 और ज्यादा खराब रहने वाला साल होने वाला है। बिना अरबों डॉलर के हम बेहद बुरी भुखमरी को झेलने को मजबूर होंगे।
डेविड बेस्ली ने एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि नॉर्वेजियन नोबेल समिति उस काम को देख रही थी, जो एजेंसी हर दिन संघर्षों, आपदाओं और शरणार्थी शिविरों में करती है। अक्सर कर्मचारियों को लाखों भूखे लोगों को खाना खिलाने के लिए जान जोखिम में डालकर भेजना पड़ता है। दुनिया को संदेश दिया गया है कि इसका हाल बुरा है और मुश्किल समय आना अभी बाकी है।
भुखमरी का शिकार होगी दुनिया
अप्रैल में बेस्ली ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को दी गई चेतावनी को याद करते हुए कहा कि जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही थी, दुनिया भूख की महामारी की कगार पर उस समय भी था। इस पर तत्काल कार्रवाई नहीं होने पर कुछ महीनों के भीतर ही यह बाइबिल में बताए गए अकाल के जैसे कई अकालों को जन्म दे सकती है।
उन्होंने कहा कि हम इसे 2020 में टाल देने में सक्षम थे, क्योंकि वैश्विक नेताओं ने पैसे, प्रोत्साहन पैकेज, ऋण की अस्वीकृति के साथ प्रतिक्रिया दी थी। बेस्ली ने कहा, ‘दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण फिर से बढ़ रहा है। विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में अर्थव्यवस्थाएं बिगड़ रही हैं। एक बार फिर से लॉकडाउन वाली स्थिति बन रही है।
उन्होंने कहा कि जो धन 2020 में उपलब्ध था, वो 2021 में उपलब्ध नहीं होने वाला है। वह नोबेल का इस्तेमाल नेताओं से व्यक्तिगत रूप से मिलने व संसदों से बात करने और इस दुखद घटना से निपटने के उपायों पर चर्चा के लिए कर रहे हैं।
करोड़ो लोग हो सकते हैं भुखमरी का शिकार
बेस्ली का कहना है कि वर्ल्ड फूड प्रोग्राम को भूखमरी जैसा अकाल रोकने के लिए अगले साल 5 अरब डॉलर की आवश्यकता होगी। साथ ही पूरे विश्व में 10 अरब डॉलर की जरूरत पड़ेगी। जिससे कुपोषित बच्चों और स्कूल लंच के लिए एजेंसी के वैश्विक कार्यक्रमों को ठीक तरीके से किया जा सके। बेस्ली ने कहा था कि 13.5 करोड़ लोगों ने भुखमरी का सामना किया। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के एक विश्लेषण से पता चला कि 2020 के अंत तक 30 करोड़ और लोग भुखमरी के शिकार हो सकते हैं।