Invitation Card
Unique wedding invitation card, put it in water and Tulsi plant will grow

Invitation Card : शादियों का सीजन आते ही घर पर कम से कम 5-6 शादी के महंगे से महंगे कार्ड (Invitation Card) जमा हो जाते हैं। शादी समारोह में प्लास्टिक की प्लेट और डिस्पोजेबल गिलास आदि का खूब इस्तेमाल होता है। शादी को भव्य बनाने के चक्कर में पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचता है। हालांकि, शादी के दौरान परिवार द्वारा खुशनुमा माहौल पर ध्यान देना आम बात है।

भारत में सदाबहार शादियां एक भव्य और शानदार आयोजन रही हैं, जो धार्मिक रीति-रिवाजों और रंग-बिरंगे समारोहों का मिश्रण होती हैं। लेकिन आखिरी वक्त में इसमें नए बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। मौजूदा भारतीय चलन में इको-फ्रेंडली बदलाव आ रहे हैं

Invitation Card : इको फ्रेंडली शादी के लिए आया अनोखा कार्ड

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इको-फ्रेंडली शादियां सिर्फ एक चलन नहीं बल्कि जरूरत बनती जा रही हैं। पर्यावरण के प्रति गहरी जागरूकता और सुरक्षा की भावना के चलते लोग शादी समारोह में पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दे रहे हैं। आजकल शादियों के सीजन में एक अनोखा चलन देखने को मिल रहा है, इको-फ्रेंडली वेडिंग कार्ड। ये वेडिंग कार्ड ना सिर्फ आकर्षक और स्टाइलिश हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहद जरूरी हैं। इस कार्ड (Invitation Card) की खास बात यह है कि जिस पानी में तुलसी को डुबोया जाता है, वह पत्तियों में समा जाता है, जो पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।

जबलपुर में बनकर हुआ ये इनविटेशन कार्ड

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इस अनोखे वेडिंग कार्ड (Invitation Card) को सिवनी के कृषि वैज्ञानिक और उनकी बेटी शुभाशिनी कश्यप ने तैयार किया है। यह कार्ड आकर्षक और स्टाइलिश तो है ही, पर्यावरण के लिए भी काफी जरूरी है। 37 वर्षीय डीईपीएस ने सरकारी नौकरी छोड़ दी है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी शुभाशिनी भी कृषि क्षेत्र में शोध कर रही हैं। देशभर में प्रदूषण पर निगरानी को लेकर चर्चा के दौरान उनके दिमाग में इस कार्ड का विचार आया। इसके बाद उन्होंने प्रत्येक कार्ड पर इसे तैयार किया। अब लोगों की जरूरत के हिसाब से कार्ड (Invitation Card) बनाए जाने लगे हैं।

कार्ड को डूबोने से उगेगा तुलसी का पौधा

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उन्होंने बताया कि हस्तनिर्मित कागज और वनस्पति स्याही से बने इस कार्ड (Invitation Card) को बनाने में मात्र 60 रुपये का खर्च आया है। उन्होंने बताया कि इस कार्ड को बंद करने से 12 घंटे पहले इसमें डुबोए गए पानी से तुलसी के पत्ते उगने लगते हैं। वहीं उनकी बेटी शुभांशी का कहना है कि अगर शादी की खुशियों के साथ-साथ पर्यावरण की भी रक्षा हो जाए तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य इस छोटे से प्रयास के जरिए लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि अब इस कार्ड (Invitation Card) से शादी की खुशियां और बढ़ेंगी।

पर्यावरण का संदेश देता कार्ड हो रहा वायरल

 

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वहीं, कार्ड (Invitation Card) धोने के बाद जो पौधे उगेंगे उनसे पर्यावरण की भी रक्षा होगी। ऐसा नहीं है कि इस तरीके कि ईको फ्रेंडली शादी में रीति-रिवाजों या रस्मों में कोई बदलाव नहीं होता, बल्कि कुछ छोटे-छोटे तरीकों से पर्यावरण की रक्षा की दिशा में प्रयास किए जाते हैं। ईको फ्रेंडली शादी में शादी के कार्ड (Invitation Card) से लेकर तोहफे और डीजे तक हर चीज में बदलाव हुए हैं।

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