UP News : जहां चाह होती है, वहां राह निकल ही आती है। इस कहावत को यूपी (UP News) के बाराबंकी में रहने वाले रामकेवल ने सच साबित कर दिखाया है। रामकेवल की पढ़ाई की चाहत ने गरीबी में भी उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। जब रामकेवल को पता चला कि हाईस्कूल पास करने के बाद जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने उन्हें सम्मानित करने के लिए बाराबंकी बुलाया है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
लेकिन उनके पास पहनने के लिए न तो जूते थे और न ही अच्छे कपड़े। जब यूपी (UP News) के रहने वाले रामकेवल स्कूल के एक शिक्षक को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने निजी पैसे खर्च करके उनके लिए नए जूते और कपड़े खरीदे।
यूपी के रामकेवल ने आजादी के बाद पास की 10वीं
राम केवल ने पहली बार जूते पहने और यह पल उनकी जिंदगी का सबसे खास पल बन गया। यूपी (UP News) के रहने वाले राम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक विद्यालय से पूरी की। इसके बाद छठी क्लास में उन्होंने गांव से करीब 500 मीटर दूर स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में एडमिशन ले लिया।
राम बताते हैं कि उनके गांव के कुछ लोग अक्सर उनसे कहा करते थे कि वह पढ़ाई करके क्या करेगा और यह भी कि वह 10वीं की परीक्षा पास नहीं कर पाएगा। लेकिन रामसेवक ने इन नकारात्मक बातों को चुनौती के रूप में लिया और ठान लिया कि वह जरूर सफल होंगे।
कठिन परिश्रम कर पढ़ाई के लिए निकाला समय
यह राम केवल है… बाराबंकी के निजामपुर गांव के रहने वाले हैं जहां आजादी के बाद पहली बार किसी ने हाई स्कूल की परीक्षा पास किया है।
रामकेवल एक ऐसा होनहार छात्र है जिसने शादी बारात में रात रात भर लाइट्स सिर पर ढोई और अगली सुबह अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए स्कूल पहुंचा।
निजामपुर… pic.twitter.com/nfi7BrIQiz
— Kavish Aziz (@azizkavish) May 5, 2025
यूपी (UP News) के रामकेवल ने अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत की। तीन भाईयों में सबसे बड़े होने के कारण उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी भी थी। इसलिए शादी के सीजन में वह रात में सिर पर लाइट लेकर मजदूरी करते थे। जिससे उन्हें 200-300 रुपये मिल जाते थे।
जब शादी का सीजन नहीं होता था तो वह अन्य दिहाड़ी मजदूरी करके पैसे कमाते थे। इन पैसों से उनका घर का खर्च चलता था और साथ ही उनकी कॉपी-किताबें और स्कूल की फीस का भी इंतजाम होता था। राम के मुताबिक उन्होंने मजदूरी करके अपनी 10वीं की फीस 2100 रुपये जमा की थी। पढ़ाई के प्रति रामसेवक की लगन कमाल की है।
सभी विद्यार्थियों के लिए बने प्रेरणा
वह बताते हैं कि शादियों में देर रात तक काम करने के बाद भी वह घर लौटकर एक-दो घंटे पढ़ाई करते थे। जो चीजें उन्हें समझ में नहीं आती थीं। उन्हें वह अगले दिन अपने शिक्षकों से लिखकर पूछते थे। इस तरह मजदूरी के साथ-साथ पढ़ाई करके (UP News) राम ने 10वीं की परीक्षा पास कर न सिर्फ अपने गांव बल्कि उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की जो विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा प्राप्त करने का सपना देखते हैं।
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