Landslide In India : भारत में इन दिनों मूसलाधार बारिश का दौर चल रहा है. देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़, लैंडस्लाइड (Landslide In India) आदि से त्राहि-त्राहि मची हुई है. केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से तबाही मची हुई है. वायनाड में 29 जुलाई की देर रात अचानक से तेज आवाज के साथ चट्टानें और जमीनें धंस गईं. इसकी चपेट में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा जैसे कई गांव आ गए हैं. घर, पुल, सड़कें और कईं लोग भी इसमें बह गए.
खबरों कि माने तो अब तक 267 लोगों की जान चली गई है. वहीं हिमाचल प्रदेश में भी भूस्खलन (Landslide In India) हुआ और बादल फट गया. जिसके चलते कई लोग लापता हो गए और जान से हाथ गंवा बैठे हैं. जिसमें 4 लोगों की मौत और 50 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है.
केरल से लेकर हिमाचल तक प्रकृति की मार
इससे पहले भी भारत में कई बार भूस्खलन (Landslide In India) हुआ था, जिसमें कई बार तबाही मची थी. वायनाड के चुरालपारा में मंगलवार को भीषण विस्फोट हुआ. बताया जा रहा है कि रात करीब 2 बजे जमीन पूरी तरह से कट हो गई है. सबसे अधिक प्रभावित साउथ में चूरलमाला, वेल्लारीमाला, मुंडकैल और पोथुकालू शामिल हैं. इन इलाक़ों के स्थानीय लोग जो किसी तरह से जीवनयापन कर रहे हैं वे विनाश की तबाही से बुरी तरह टूट गए हैं. प्रशासन ने केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडी एमडी) ने इसके लिए जांच बैठा दी है.
वायनाड में कईं लोगों की हुई मौत
राज्य के राजस्व विभाग को पश्चिमी घाट के पूर्वी घाट में रहने वाले 4000 परिवारों को तत्काल खाली करने के निर्देश दिए हैं. यह पूरा क्षेत्र लैंड स्लाइड जोन है. लेकिन इस पर कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया जिसका परिणाम आज सबके सामने है. वहीं, कावेरी और पिला नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. केरल के मैसूर जिले में आठ गांवों के 134 परिवार बाढ़ से प्रभावित हैं. हां पहले भी बड़े भूसाचलन हो चुके हैं.
मुंडक्कई में 1984 और 2020 में बड़ा भूस्खलन हुआ था. 2020 में जब यहां भूस्खलन (Landslide In India) हुआ, तो कई आपदा प्रबंधन ने इस क्षेत्र के लिए चेतावनी जारी की थी. लेकिन कई चेतावनियों के बाद भी हजारों परिवार इस क्षेत्र में आकर बस गए.
भूस्खलन से मची तबाही
वहीं, हिमाचल की बात करें तो बादल फटने और भूस्खलन होने से कई जगह अफरा-तफरी मची हुई है. सूचना मिलने तक सैकड़ों लोगों कि मौत और कईं लापता हो चुके हैं. यहाँ भी पहाड़ियों पर घर, होटल, रिजॉर्ट लगातार बन रहे हैं. अंधाधुंध निर्माण से यहां का पूरा हिमाचल उद्धृत किया गया है. ये प्रशंसा इकोसी स्टारम भी लैंडस्लाइड (Landslide In India) की वजह से बनी. बताया जा रहा है कि हिमालय क्षेत्र में कई पर्यटन स्थलों पर भ्रमण करने आए लोग भी फंस चुके हैं. यही नहीं यहाँ पिछले दो दशकों में इस क्षेत्र में टूरिज्म की मात्र बढ़ी है.
लैंडस्लाइड से सैकड़ों परिवार उजड़े
अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि बारिश के कारण कई मकान, पूल और सड़कें बह गईं. राज्य आपदा अभियान ने बताया कि क्षेत्र में मंडी समेत दस जिलों में आपदा के हालात बने हुए हैं. स्थानीय मौसम विभाग ने औद्योगिक इकाइयों, बाजारों और मंडियों (Landslide In India) में अलग-अलग स्थानों पर सतर्कता बरतने कि चेतावनी दी है. साथ ही भारी बारिश के चलते रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है.
यह भी पढ़ें : IPL 2025 से पहले एमएस धोनी ने किया संन्यास का फैसला, बताया आखिर कब खेलेंगे अपना आखिरी मैच