What Is The Indus Water Treaty? What Will Be Its Impact On Pakistan, Know Here
What is the Indus Water Treaty? What will be its impact on Pakistan, know here

Indus Water Treaty : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को निलंबित कर दिया है। भारत ने कहा है कि यह संधि तब तक निलंबित रहेगी जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन नहीं छोड़ देता। पाकिस्तान ने भारत सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है।

भारत ने सिंधु जल समझौता किया रद्द

Indus Water Treaty

पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 5 बड़े फैसले लिए हैं। जिसमें एक सिंधु जल समझौता भी है। इसमें महत्वपूर्ण ये है कि इससे पाकिस्तान को क्या असर पड़ने वाला है। इसके साथ ही सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) से उन्हें काफी कुछ झेलना पड़ सकता है।

क्या है Indus Water Treaty?

Indus Water Treaty

दरअसल सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) भारत और पाकिस्तान के बीच एक ऐतिहासिक जल समझौता है, जिस पर 1960 में हस्ताक्षर किए गए थे। इस पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे और विश्व बैंक ने इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।

इस समझौते का उद्देश्य सिंधु नदी प्रणाली के जल बंटवारे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करना था।

1960 में पीएम नेहरु ने किए थे हस्ताक्षर

Indus Water Treaty

इस पर 19 सितंबर 1960 को कराची में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। इस संधि में यह निर्धारित किया गया था कि सिंधु नदी प्रणाली की छह नदियों का पानी भारत और पाकिस्तान के बीच कैसे साझा किया जाएगा।

इस समझौते (Indus Water Treaty) के अनुसार, तीन पूर्वी नदियों व्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण भारत को दिया गया था, और तीन पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को दिया गया था।

पाकिस्तान 80 प्रतिशत पानी का करता है उपयोग

Indus Water Treaty

पाकिस्तान के नियंत्रण वाली नदियां भारत से होकर बहती हैं। संधि के अनुसार पाकिस्तान को भारत 80 प्रतिशत पानी देगा और वहीं 20 प्रतिशत जल भारत अपने काम में लेगा। केवल 20 प्रतिशत जल ही भारत के उपयोग के लिए छोड़ दिया जाता था।

इस दौरान इन नदियों पर भारत द्वारा परियोजनाओं (Indus Water Treaty) के निर्माण के लिए सटीक नियम तय किए गए थे।

इन फैसलों का पाकिस्तान पर क्या असर होगा

Indus Water Treaty

इस समझौते के लागू होने से पहले 1 अप्रैल 1948 को भारत ने दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था। जिससे पाकिस्तानी पंजाब की 17 लाख एकड़ जमीन पानी के लिए प्यासी हो गई थी। अब इस समझौते को पूरी तरह से रद्द (Indus Water Treaty) करने के बाद भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी है।

दरअसल पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से चिनाब, झेलम और सिंधु जैसी नदियों के पानी पर निर्भर थे लेकिन अब पाकिस्तान को इन नदियों से पानी नहीं मिलेगा।

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