Yamuna River : सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूरे भारत में धूमधाम से मनाया गया। लोक आस्था का यह चार दिवसीय अनुष्ठान 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ था, जो धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी बीच दिल्ली की यमुना नदी (Yamuna River) से एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे देखकर लोग हंस रहे हैं और बहुत आनंदित महसूस कर रहे हैं।
दिल्ली की यमुना नदी में महिलाओं ने धोए बाल
दिल्ली कि यमुना नदी (Yamuna River) से यह वीडियो बहुत ज्यादा चर्चा में हैं। दिल्ली का वायु प्रदूषण ही नहीं, बल्कि यमुना नदी का प्रदूषण भी देश का बड़ा मुद्दा बन गया है। इस पवित्र नदी में सफेद जहरीला झाग बहने को कई साल हो गए हैं, लेकिन अब तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है। छठ पूजा के दौरान हजारों की संख्या में लोग इस नदी के तट पर पूजा करने आते हैं। हाईकोर्ट पहले ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर चेतावनी दे चुका है, फिर भी कोई इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है।
यमुना में बनते झाग में नहाने लगी महिलाएं
हाल ही में सामने आया एक वीडियो इसका उदाहरण है। क्योंकि महिलाएं यमुना के जहरीले झाग में डुबकी लगाती और बाल धोती नजर आईं, जिस पर यूजर्स ने अपने रिएक्शन देने शुरू कर दिए जबकि दूसरी महिलाएं पवित्र नदी में पूजा कर रही हैं। यह देखकर लोग हैरान हैं कि यह जानते हुए भी कि यह पानी कितना जहरीला है।
अब यह क्लिप सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से शेयर की जा रही है और यूजर्स जमकर रिएक्शन दे रहे हैं। वायरल क्लिप में देखा जा सकता है कि महिलाओं का एक समूह यमुना (Yamuna River) के पानी में मौजूद है। इनमें से एक आंटी अपने बाल धोती नजर आ रही हैं। वह झाग को शैंपू की तरह इस्तेमाल करने लगती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वीडियो
Arre didi woh shampoo nahi hai 😬🤮 pic.twitter.com/4shRnYh8tW
— Manish RJ (@mrjethwani_) November 7, 2024
यह देखकर पीछे मौजूद लड़की भी हंसती है। लेकिन वह जहरीले झाग से अपने बाल धोना जारी रखती है। मजेदार बात यह है कि उसे ऐसा करने से कोई नहीं रोकता। बुनियादी शिक्षा सभी के लिए जरूरी है! यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब शेयर किया गया, जिसे न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पोस्ट किया। हालांकि बाद में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर शेयर किया, जिसके बाद यह वायरल हो गया।
क्यों बनते हैं यमुना में ये झाग?
रसायन यमुना नदी (Yamuna River) के पानी की सतह पर तनाव को कम करते हैं, जिससे बुलबुले और सफेद झाग बनते हैं। बढ़ता तापमान यमुना में झाग बनाने में कारगर साबित होता है। अक्टूबर के महीने में जब तापमान गिरता है, तो यह झाग को स्थिर कर देता है। इस झाग में हानिकारक कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जो जहरीली गैस छोड़ते हैं और सीधे वातावरण में घुल जाते हैं। बिना उपचार के गिरने वाला सीवेज नाइट्रेट और फॉस्फेट से प्रदूषण को कई गुना बढ़ा देता है। इसके दबाव के कारण बड़े पैमाने पर झाग बनने लगते हैं।
यमुना (Yamuna River) में सफेद झाग पर्यावरणीय गतिविधियों से ज्यादा मानवीय गतिविधियों के कारण होता है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार यमुना नदी (Yamuna River) में बनने वाले सफेद झाग में अमोनिया और फॉस्फेट की मात्रा अधिक होती है। ये हानिकारक कार्बनिक पदार्थ हैं। ये कार्बन कण स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक साबित होते हैं।
यह भी पढ़ें : अफ्रीका टी20 सीरीज के बाद संन्यास लेंगे ये 4 धाकड़ खिलाड़ी, अब नहीं चाहते टीम इंडिया के लिए खेलना