World-Longest-Train-Journey-This-Train-Will-Cover-The-Longest-Journey-In-The-World-You-Can-Visit-Three-Countries-With-A-Single-Ticket

World Longest Train Journey: ट्रेन का सफर तो आपने अपने जीवन में एक बार जरूर किया होगा। ये सफर आपको यकीनन याद होगा क्योंकि ट्रेन का सफर होता है कुछ ऐसा है जो हमारे दिलो दिमाग पर छप जाता है। वैसे ट्रैन का सफर अलग अलग तरह का होता है कहीं हम जल्दी पहुंच जाते हैं और कहीं पर पहुंचने के लिए कई दिन लग जाते है। आप भले ही भारत की सबसे लंबी ट्रेन यात्रा के बारे में जानते हों लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे लंबी यात्रा पर लेकर जाने वाली ट्रेन कौनसी है, आईए जानते हैं।

3 देशों की यात्रा करवाती है ये ट्रेन

World Longest Train Journey
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भारत में हर रोज लाखों लोग ट्रेन का सफर करते हैं। कोई छोटा सफर करता है तो कोई कई दिनों की लंबी यात्रा करता है। भारत में सबसे लंबा सफर करने वाली ट्रेन का नाम डिब्रुगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस है जो की अपना पूरा सफर  72 घंटे में पूरा कर लेती है। हालांकि दुनिया में इससे भी लंबे सफर पर ले जाने वाली ट्रेन भी है जो है इतने लंबी यात्रा पर निकलती है कि 3 देश दिख जाते हैं। जी हां, ये ट्रेन तीन देशों की जमीन से गुजरकर ही अपनी मंजिल तक पहुंचती है और इस ट्रेन का नाम ट्रांस साइबेरियन हैं।

सबसे लंबा सफर करवाने वाली ट्रेन 

World Longest Train Journey
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हम जिस ट्रेन का जिक्र कर रहे हैं वो रूस के मॉस्को से नॉर्थ कोरिया के एक शहर प्योंगयांग के बीच चलाई जाती है। इन दोनों ही देशों के लिए ये ट्रांस साइबेरियन ट्रेन (World Longest Train Journey) काफी अहम है क्योंकि इसमें सिर्फ लोग ही नहीं जाते बल्कि इसमें कई तरह का सामान भी भेजा जाता है। बता दें कि इस ट्रेन में अगर आप बैठ गए तो आखिरी मंजिल पर पहुंचने के लिए सात दिन 20 घंटे और 25 मिनट का लंबा इंतजार करना पड़ेगा । इस ट्रेन की सबसे खास बात ये है कि ये अपने पूरे सफर के दौरान कुल 142 स्टेशनों और 87 शहरों से होकर गुजरती है।

कितनी दूरी तय करती है ट्रेन ?

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रांससाइबेरियन ट्रेन 10214 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करती है, इस दूरी को तय करने में इसे कई नदियों, कई पहाड़ों, कई शहरों, कई जंगलो और कई बर्फ के मैदानों से होकर गुजरना पड़ता है। इस ट्रेन में यात्रा करने के दौरान कई सुंदर और मनमोहक नजारे भी देखने को मिलते हैं। इस ट्रेन की शुरूआत 1916 में साइबेरिया की आबादी बढ़ाने के लिए और उसके आर्थिक विकास के लिए की गई थी। जो की अब दुनिया का सबसे लंबा सफर तय करवाने वाली ट्रेन के नाम से जानी जाती है।

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