7 ऐसे कानून जो आपको जानने ही चाहिए नहीं तो पड़ सकते हो मुसीबत में.अक्सर हमने देखा है कि पुलिस जनता को गैरकानूनी ढंग से जनता पर दुराचार करती नजर आती है. लोग इनका विरोध करना चाहते है लेकिन कानून की सही जानकारी ना हो पाने के कारण चुपचाप अपने अधिकारों का हनन होते देखते रहते हैं.
आइये जानते हैं ऐसे कानून और अधिकार के बारे में जिसके बारे में हम सबको पता हो तो ना तो हमारे अधिकरो का हनन हो सकता है ना ही गैरक़ानूनी ढंग से हम पर कार्यवाही
1 . CRPC 1973 वर्णित धारा 46 के अनुसार किसी भी महिला को शाम 6 बजे के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, सिवाय कुछ राष्ट्र विरोधी मामलो को छोड़कर.
2 . IPC 1860 की धारा 166क के तहत पुलिस आपके मामले में FIR लिखने से मना नहीं कर सकती. अगर किसी भी पुलिस अधिकारी के द्वारा ऐसा किया जाता है, तो आप उस थाने के थानाध्यक्ष शिकायत कर सकते हैं. अगर फिर भी आपकी समस्या का समाधान नहीं होता तो आप एसपी ऑफिस जाकर अपनी अपनी समस्या बता सकते हैं.
याद रहे जब अपनी समस्या की विवरण दे रहें हो तो आप उस पुलिस कर्मी का नाम बताना ना भूलें. अगर एसपी ऑफिस में भी आपकी समस्या का हल ना निकले तो आप कोर्ट में CRPC 1973 की धारा के तहत मजिस्ट्रेट से FIR करवाने के आदेश प्राप्त कर सकते हैं.
3 . भारतीय सरिउस कानून 1887 के तहत आप किसी भी 5 स्टार होटल में फ़्री में पानी पी सकते हैं और साथ वॉशरूम इस्तेमाल कर सकते हैं.
4 . मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत अगर कोई महिला प्राइवेट नौकरी कर रही हो अगर इस दौरान वो गर्भवती हो जाती है, तो कंपनी उसे नौकरी से नहीं निकाल सकती अगर ऐसा कोई करता है तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है.
5 . आयकर अधिनियम 1961 के तहत अगर आप अपने टैक्स को समय से नहीं भरते तो वसूली अधिकारी आपके द्वारा समय से टैक्स ना भरे जाने पर आपको गिरफ्तार किया जा सकता है.
6 . परिसीमा अधनियम 1963 के अंतर्गत आप किसी प्राइवेट कंपनी कार्यरत है और कंपनी आपको 3 महीनों से वेतन नहीं दे रही है, तो आप कंपनी के खिलाफ शिकायत कर सकते है. लेकिन शर्त ये है कि आप केवल 3 साल के भीतर कंपनी से वेतन लेने के हक़दार हैं, इसके बाद आप कंपनी से क़ानूनी तौर पर वेतन की मांग नहीं कर सकते हैं.
7 . दिल्ली किराया नियंत्रण 1958 की धारा 14 के अंतर्गत यदि आप दिल्ली राज्य में रह रहे हैं, तो मकान मालिक आपको नोटिस दिए बिना आपसे मकान खाली नहीं करा सकता.